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    तुर्किये-अजरबैजान के बजाय दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत का रुख कर रहे हैं पर्यटक, बुकिंग रद होने का सिलसिला जारी

    भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के विरुद्ध चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये और अजरबैजान द्वारा खुलकर पाकिस्तान की मदद किए जाने के बाद भारतीय पर्यटक एवं टूर ऑपरेटर बड़े पैमाने पर इन देशों की बुकिंग रद कर चुके हैं और ये सिलसिला जारी है। अब पर्यटक इन देशों में जाने के बजाय दक्षिण एवं पूर्वोत्तर भारत का रुख करते नजर आ रहे हैं।

    By OM Prakash Tiwari Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 17 May 2025 07:41 AM (IST)
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    तुर्किये-अजरबैजान के बजाय दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत का रुख कर रहे हैं पर्यटक (फाइल फोटो)

     ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के विरुद्ध चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये और अजरबैजान द्वारा खुलकर पाकिस्तान की मदद किए जाने के बाद भारतीय पर्यटक एवं टूर ऑपरेटर बड़े पैमाने पर इन देशों की बुकिंग रद कर चुके हैं और ये सिलसिला जारी है।

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    अब पर्यटक इन देशों में जाने के बजाय दक्षिण एवं पूर्वोत्तर भारत का रुख करते नजर आ रहे हैं। लेकिन महंगी विमान सेवाएं एवं महंगे होटल्स उनके रास्ते की अड़चन बन रहे हैं।

    उद्योगपति हर्ष गोयनका ने कही ये बात

    उद्योगपति हर्ष गोयनका ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये एवं अजरबैजान के रुख की निंदा करते हुए कहा है कि भारतीयों ने पिछले वर्ष तुर्किये एवं अजरबैजान को 4000 करोड़ रुपयों से ज्यादा का व्यवसाय दिया। इससे उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। लेकिन पहलगाम में आतंकी हमले के बाद ये दोनों देश पाकिस्तान के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।

    हर्ष गोयनका के अनुसार भारत एवं दुनिया के अन्य देशों में खुबसूरत पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है। भारतीयों को अब इन दो देशों की ओर नहीं जाना चाहिए। जय हिंद। देश की कई शीर्ष टूर कंपनियां गोयनका के इस आह्वान का समर्थन करती नजर आ रही हैं।

    लोग खुद तुर्किये एवं अजरबैजान की बुकिंग रद कराने आ रहे हैं

    मुंबई स्थित टूर कंपनी केएमसी हॉलीडेज एंड ऑफशोर प्रा लि के संस्थापक एवं निदेशक किरण भोईर कहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोग खुद तुर्किये एवं अजरबैजान की बुकिंग रद कराने आ रहे हैं।

    भोईर के अनुसार, इन दोनों देशों के कई पर्यटन स्थल मध्यमवर्गीय भारतीयों के लिए सस्ते पड़ते हैं, इसलिए पिछले कुछ वर्षों में इन देशों की ओर जाने का चलन बढ़ा था। मुंबई के ही ईशा टूर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक आत्माराम परब तुर्किये में कुछ वर्ष पहले आए भूकंप के बाद तक भारतीयों के वहां का टूर कराते आए हैं।

    तुर्किये में भारतविरोधी भावनाएं कूट-कूट कर भरी

    उन्होंने कहा कि उस भूकंप में भारत द्वारा भरपूर मदद करने के बावजूद वहां के लोगों में भारतविरोधी भावनाएं कूट-कूट कर भरी है। तुर्किये एवं अजरबैजान के लोग पाकिस्तान के साथ अपना ब्रदरहुड (भाईचारे) का रिश्ता जोड़कर भारत से नफरत करते हैं।

    अब हाल की घटनाओं के बाद से तो लोग खुद ही वहां जाने से कतराने लगे हैं। परब पिछले डेढ़ दशक से लोगों को पूर्वोत्तर भारत की यात्राएं करवा रहे हैं। यह संख्या लगातार बढ़ भी रही है। लेकिन पूर्वोत्तर की तरफ जानेवाली महंगी उड़ाने एवं होटल की दरें मध्यमवर्गीय लोगों के पर्यटन में अड़चन पैदा करती हैं।

    बुकिंग को रद करने की दर 250 प्रतिशत रही

    टूर एंड ट्रैवेल कंपनी मेक माई ट्रिप के प्रवक्ता का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में तुर्किये एवं अजरबैजान की बु¨कग में 60 प्रतिशत की कमी आई है और पहले से हुई बुकिंग को रद करने की दर 250 प्रतिशत रही है। टूर कंपनी ईज माई ट्रिप के सहसंस्थापक प्रशांत पित्ती भी पर्यटकों से तुर्किये एवं अजरबैजान का बायकाट कर ग्रीस, अर्मेनिया जैसे दूसरे देशों में जाने को प्रेरित कर रहे हैं।

    आतंकी समर्थक राष्ट्र बन गया है तुर्किये: निरुपम

    महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन की घटक शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने तुर्किये को आतंकी समर्थक राष्ट्र बताते हुए कहा कि भारत के नौ विमानतलों पर सेवाएं दे रही तुर्की कंपनी से समझौता रद किए जाने का स्वागत किया है।

    संजय निरुपम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत और तुर्किये के रिश्ते पर्यटन के जरिए सुधर रहे थे। लेकिन हाल की घटनाओं के बाद तुर्किये के रुख से साफ हो गया है कि वह एक इस्लामिक राष्ट्र की तरह व्यवहार कर रहा है।

    सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य- निरुपम

    तुर्किये ने जिस तरह आतंकवाद का समर्थन किया है, उससे लगता है कि वह अब एक आतंक समर्थक राष्ट्र बनकर रह गया है। भारत सरकार ने देश के नौ विमानतलों पर सेवाएं दे रही तुर्किये की कंपनी सेलेबी एनएएस का ठेका रद कर दिया है। सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है।

    आयात-निर्यात भी बंद होना चाहिए

    निरुपम ने कहा कि भारत हर साल तुर्किये से 60 हजार करोड़ का आयात एवं 20 हजार करोड़ का निर्यात करता है। अब यह आयात-निर्यात भी बंद होना चाहिए।