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    तुर्किए पर टूरिज्म स्ट्राइक, धड़ाधड़ बुकिंग कैंसिल कर रहे भारतीय पर्यटक; देश के इन हिस्सों की ओर बढ़ रहा रुझान

    Updated: Fri, 16 May 2025 08:26 PM (IST)

    भारत ने पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस बीच तुर्किए और अजरबैजान द्वारा खुलकर पाकिस्तान की मदद की गई। पाकिस्तान को की गई ये मदद तुर्किए और अजरबैजान महंगी पड़ती नजर आ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय पर्यटक इन दोनों देशों की यात्रा पर नहीं जा रहे हैं। इसको एक तरीके से टूरिज्म स्ट्राइक के तौर पर देखा जा रहा है।

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    धड़ाधड़ तुर्किए की बुकिंग कैंसिल कर रहे भारतीय पर्यटक। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के विरुद्ध चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए और अजरबैजान द्वारा खुलकर पाकिस्तान की मदद किए जाने के बाद भारतीय पर्यटक एवं टूर ऑपरेटर बड़े पैमाने पर इन देशों की बुकिंग रद कर चुके हैं, और ये सिलसिला जारी है।

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    अब पर्यटक इन देशों में जाने के बजाय अपने ही देश में दक्षिण एवं पूर्वोत्तर भारत का रुख करते नजर आ रहे हैं। हालांकि, महंगी विमान सेवाएं एवं महंगे होटल्स उनके रास्ते की अड़चन बन रहे हैं।

    पाकिस्तान के साथ नजर आए तुर्किए और अजरबैजान

    शीर्ष उद्योगपति आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए एवं अजरबैजान के रुख की निंदा करते हुए कहा है कि भारतीयों ने पिछले वर्ष तुर्किए एवं अजरबैजान को 4000 करोड़ रुपयों से ज्यादा का व्यवसाय दिया। इससे उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। लेकिन पहलगाम में आतंकी हमले के बाद ये दोनों देश पाकिस्तान के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।

    पर्यटक भारत में ही घूमने का बना रहे प्लान

    दिग्गज व्यापारी हर्ष गोयनका के अनुसार, भारत एवं दुनिया के अन्य देशों में खुबसूरत पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है। भारतीयों को अब इन दो देशों की ओर नहीं जाना चाहिए। देश की कई शीर्ष टूर कंपनियां गोयनका के इस आह्वान को सिरमाथे लेती नजर आ रही हैं।

    क्यों विदेशों में घूमना भारतीयों को है पसंद?

    मुंबई स्थित टूर कंपनी केएमसी हॉलीडेज एंड ऑफशोर प्रा.लि. के संस्थापक एवं निदेशक किरण भोईर कहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोग खुद तुर्किए एवं अजरबैजान की बुकिंग रद कराने आ रहे हैं। भोईर के अनुसार, इन दोनों देशों के कई पर्यटन स्थल मध्यमवर्गीय भारतीयों के लिए सस्ते पड़ते हैं, इसलिए पिछले कुछ वर्षों में इन देशों की ओर जाने का चलन बढ़ा था, लेकिन हाल की घटनाओं के कारण अब लोग वहां जाने के बजाय अन्य देशों का रुख कर रहे हैं।

    तुर्किए जाने से पर्यटकों को बचना चाहिए

    मुंबई के ही ईशा टूर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक आत्माराम परब तुर्किए में कुछ वर्ष पहले आए भूकंप के बाद तक भारतीयों के वहां का टूर कराते आए हैं, लेकिन वह बताते हैं कि उस भूकंप में भारत द्वारा भरपूर मदद करने के बावजूद वहां के लोगों में भारतविरोधी भावनाएं कूट-कूट कर भरी थीं। उनका कहना है कि तुर्किए एवं अजरबैजान के लोग पाकिस्तान के साथ अपना ब्रदरहुड (भाईचारे) का रिश्ता जोड़कर भारत से नफरत करते हैं। जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों से उन्होंने अपनी तरफ से तुर्किए जाने के इच्छुक लोगों को हतोत्साहित करना शुरू कर दिया था।

    उन्होंने कहा कि अब हाल की घटनाओं के बाद से तो लोग खुद ही वहां जाने से कतराने लगे हैं। परब पिछले डेढ़ दशक से लोगों को पूर्वोत्तर भारत की यात्राएं करवा रहे हैं। यह संख्या लगातार बढ़ भी रही है। लेकिन पूर्वोत्तर की तरफ जानेवाली महंगी उड़ाने एवं होटल की दरें मध्यमवर्गीय लोगों के पर्यटन में अड़चन पैदा करती हैं।

    तुर्किए जाने की बुकिंग में आई कमी

    टूर एंड ट्रैवेल कंपनी मेक माई ट्रिप के प्रवक्ता का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में तुर्किए एवं अजरबैजान की बुकिंग में 60 प्रतिशत की कमी आई है, और पहले से हुई बुकिंग को रद्द करने की दर 250 प्रतिशत रही है। कंपनी का कहना है कि वह अपनी ओर से भी पर्यटकों को इन दोनों देशों की ओर जाने से हतोत्साहित कर रही है। देश की एक और बड़ी टूर कंपनी ईज माई ट्रिप के सहसंस्थापक प्रशांत पित्ती भी पर्यटकों से तुर्किए एवं अजरबैजान का पूरा बायकाट कर ग्रीस, अर्मेनिया जैसे दूसरे देशों में जाने को प्रेरित कर रहे हैं।

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