Maharashtra MLC Election 2022: महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में भी होगी दिलचस्प लड़ाई, दस सीटों के लिए भाजपा ने पांच व मविअ ने उतारे छह उम्मीदवार
Maharashtra MLC Election 2022 राज्यसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में भी दिलचस्प लड़ाई हो सकती है। दस सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने पांच और महाविकास अघाड़ी ने छह उम्मीदवार उतारे हैं।

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। महाराष्ट्र में दो दिन पहले ही राज्यसभा चुनाव में महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (मविअ) को भाजपा के सामने मुंह की खानी पड़ी है, लेकिन इससे सबक न लेते हुए मविआ ने विधान परिषद चुनाव में भी अपनी क्षमता से एक उम्मीदवार अधिक खड़ाकर दिलचस्प टकराव को आमंत्रण दे दिया है। महाराष्ट्र में विधान परिषद की 10 सीटें रिक्त हुई हैं। सोमवार को नामवापसी का अंतिम दिन था।
इन्होंने वापस ली उम्मीदवारी
भाजपा समर्थित एक उम्मीदवार सदाभाऊ खोत तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक उम्मीदवार शिवाजीराव गर्जे ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। यदि कांग्रेस भी अपना एक उम्मीदवार वापस ले लेती, तो विधान परिषद के लिए 10 उम्मीदवारों का चुनाव निर्विरोध हो सकता था, लेकिन कांग्रेस ने अपनी क्षमता से एक अधिक उम्मीदवार खड़ा रख मतदान की परिस्थिति पैदा कर दी है। चूंकि राज्यसभा के विपरीत विधान परिषद में मतदान गुप्त होता है, इसलिए राज्यसभा चुनाव के हाल परिणामों को देखते हुए माना जा रहा है कि इन चुनावों में भी महाविकास अघाड़ी को मुंह की खानी पड़ सकती है।
बाला साहब थोरात बोले, कांग्रेस अपने दोनों उम्मीदवार जितवाने में सक्षम
फिलहाल, इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी के तीनों दलों ने दो-दो उम्मीदवार और विपक्षी दल भाजपा ने पांच उम्मीदवार खड़े किए हैं। इन चुनावों में एक उम्मीदवार के चुनाव के लिए कम से कम 27 मतों की जरूरत होगी। शिवसेना और राकांपा मिलकर अपने-अपने दो-दो यानी कुल चार उम्मीदवार चुनवाकर लाने में सक्षम हैं। जबकि कांग्रेस को अपना दूसरा उम्मीदवार चुनवाने के लिए 10 व भाजपा को अपना पांचवां उम्मीदवार चुनवाने के लिए 22 अतिरिक्त मतों की जरूरत पड़ेगी। कांग्रेस नेता व राज्य में वरिष्ठ मंत्री बालासाहब थोरात का कहना है कि कांग्रेस अपने दोनों उम्मीदवार जितवाकर लाने में सक्षम है।
देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, हम जीतेंगे
जबकि राज्यसभा चुनाव में चमत्कारी नेता बनकर उभरे देवेंद्र फड़नवीस ने विधान परिषद में भी पैदा हुई टकराव की नौबत का ठीकरा महाविकास अघाड़ी पर फोड़ते हुए कहा है कि हमारी इच्छा थी कि ये चुनाव निर्विरोध हों। सत्तारूढ़ पक्ष के कुछ लोगों ने इसके लिए प्रयास भी किया, लेकिन चुनाव निर्विरोध नहीं हो सके। हमने अपने पांच उम्मीदवार खड़े किए हैं। सत्तारूढ़ पक्ष में काफी मतभेद हैं। हमने अपने पांचवें उम्मीदवार के लिए एक रणनीति तैयार की हुई है। हालांकि यह आसान नहीं है। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम पांचवीं जगह भी जीतेंगे।
भाजपा के पास हैं इतने विधायक
भाजपा के पास अपने स्वयं के 106 विधायकों के अतिरिक्त सात निर्दलीय विधायक हैं, लेकिन हाल के राज्यसभा चुनाव में वह पहली प्राथमिकता के मतों में कुल 123 विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब रही। जबकि राज्यसभा चुनावों में पार्टी के विधायकों को अपने मत अपने पार्टी एजेंट को दिखाकर ही मतपेटी में डालने होते हैं। जबकि विधान परिषद चुनाव में मतदान गुप्त होता है। जब फड़नवीस महाविकास अघाड़ी में आपसी मतभेद की बात उठाते हैं, तो यह संकेत जाता है कि इस बार वह निर्दलीय विधायकों के अलावा सत्तारूढ़ कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के विधायकों में भी सेंध लगाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
ये हैं उम्मीदवारः
भाजपा के पांचः प्रवीण दरेकर, राम शिंदे, उमा खापरे, श्रीकांत भारतीय व प्रसाद लाड।
शिवसेना के दोः सचिन अहीर और आमशा पाडवी।
कांग्रेस के दोः भाई जगताप और चंद्रकांत हंडोरे।
राकांपा के दोः रामराजे निंबालकर और एकनाथ खडसे।
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