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    Tahawwur Rana को याद आएगा अजमल कसाब! देश की किस जेल में कैद रहेगा 26/11 हमले के मास्टरमाइंड?

    Updated: Wed, 09 Apr 2025 09:01 PM (IST)

    मुंबई 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को आज ( बुधवार) भारत लाया जा सकता है। NIA के इंस्पेक्टर जनरल रैंक के अधिकारी आशीष बत्रा की लीडरशिप में एक मल्टी-एजेंसी टीम तहव्वुर राणा को हिरासत में लेने के लिए रविवार को अमेरिका गई थी। दिल्ली और मुंबई की जेलों को तैयार किया जा रहा है। यहां की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है।

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    तहव्वुर राणा को मुंबई में उच्च सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा।(फोटो सोर्स: फाइल फोटो)

    ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी में मुंबई में उच्च सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल को 26/11 आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा को मुंबई लाए जाने की स्थिति में तैयार रखा गया है। कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बयान में कहा था कि हमने 26/11 हमले के आरोपित को सुरक्षित रखकर सजा दिलवाई। अब हम तहव्वुर राणा को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

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    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम राणा का प्रत्यर्पण करवाने के लिए अमरीका में है। संभावना है कि अमरीका से लाए जाने के बाद उसे नई दिल्ली स्थित एनआईए कार्यालय में ले जाया जाएगा। यदि उसे मुंबई लाया जाता है, या बाद में स्थानांतरित किया जाता है, तो उसे आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा।

    कहां पर है आर्थर रोड जेल?

    सात रास्ता-जैकब सर्कल के पास स्थित आर्थर रोड जेल या मुंबई सेंट्रल कारागार पश्चिमी रेलवे के महालक्ष्मी स्टेशन और मध्य रेलवे के चिंचपोकली स्टेशन के बीच स्थित है। यह जेल उन विचाराधीन कैदियों को रखने के लिए है, जो मजिस्ट्रेट या न्यायिक हिरासत में होते हैं।

    जेल के एक छोर पर एकांत क्षेत्र में स्थित उच्च सुरक्षा वाली बैरक संख्या 12 वह स्थान हो सकता है, जहां राणा को रखा जा सकता है। यह दोमंजिला एक पुरानी इमारत है, जिसे बाकी जेल से एक ऊंची दीवार बनाकर अलग किया गया है।

    अजमल कसाब भी आर्थर रोड में ही था बंद

    मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमला होने के बाद इस हमले के 10 हमलावरों में से एकमात्र अजमल कसाब को जीवित पकड़ा जा सका था। तब इस दोमंजिला इमारत ही वह जगह थी जहां जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी फिदायीन मोहम्मद अजमल कसाब को रखा गया था। यह बुलेटप्रूफ और बम-प्रूफ सुविधा है।

    इसी बैरक के बगल से एक रास्ता बगल की इमारत तक जाता है, जहां 26/11 मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत बनाई गई थी। कसाब की उसकी बुलेटप्रूफ बैरक से मात्र चंद कदम दूर स्थित इसी अदालत में लाया जाता था।

    लेकिन 26/11 का हमला होने के कुछ ही वर्ष पहले तक इसी इमारत की पहली मंजिल पर बनाई गई विशेष अदालत में पूरे 15 वर्ष 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों का मुकदमा भी चलाया गया था। इस मामले में 161 आरोपित थे। इन आरोपितों को सुरक्षा कारणों से रोज सामान्य अदालत में ले जाना संभव नहीं था।

    इसलिए आर्थर रोड जेल के अंदर पहली बार एक अदालत बनाई गई थी। बाद में इसी अदालत को सुधारकर वातानुकूलित करके इसकी पहली मंजिल पर कसाब का मुकदमा चलाया गया था। 1926 में बनी आर्थर रोड जेल दो एकड़ में फैली हुई है। इसे 1994 में सेंट्रल जेल में अपग्रेड किया गया था। हालांकि, इसमें 800 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन अभी जेल में कैदियों की संख्या 2,000 से ज्यादा है।

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