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    Mumbai News: मराठी में बोर्ड नहीं लगाने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं होगी: सुप्रीम कोर्ट

    By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar Mishra
    Updated: Fri, 04 Nov 2022 07:04 PM (IST)

    Mumbai News दुकानों पर मराठी साइन बोर्ड नहीं होने पर की जाने वाली बीएमसी की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक पर दुकानदार संघ ने राहत व्यक्त की। 20 फीसद दुकानों पर डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगे हैं। बीएमसी ने 26 दिनों में 27000 दुकानों पर जाकर 5000 को नोटिस दिया।

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    सुप्रीम कोर्ट ने दुकानों पर मराठी साइन बोर्ड नहीं होने पर की जाने वाले बीएमसी की कार्रवाई पर लगाई रोक

    मुंबई, मिडडे। Mumbai News: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के राज्य में दुकानों व प्रतिष्ठानों के बोर्ड पर मराठी में नाम लिखे जाने के नियम के विरुद्ध खुदरा व्यापारी कल्याण संघ फेडरेशन के सदस्यों को कानूनी कार्रवाई से शुक्रवार को संरक्षण दे दिया। संघ ने बांबे हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। संघ की याचिका पर जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस हृषिकेश राय की पीठ ने अंतरिम आदेश दिया है।

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    अब 18 नवंबर को होगी सुनवाई

    शीर्ष कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से संघ के सदस्यों के नाम की सूची सौंपने के लिए कहा है। इस मामले पर पीठ 18 नवंबर को सुनवाई करेगी। हाई कोर्ट ने 23 फरवरी को राज्य सरकार के नियम को निरस्त करने से इन्कार कर दिया था। राज्य सरकार ने दुकानों एवं प्रतिष्ठानों को बोर्ड पर अपने नाम मराठी में प्रदर्शित करने को कहा है। हाई कोर्ट ने खुदरा व्यापारी कल्याण संघ के फेडरेशन की याचिका खारिज करते हुए 25 हजार रुपये की कास्ट लगा दी थी।

    बीएमसी ने दी थी फैसले को चुनौती

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को बीएमसी (BMC) के सभी दुकानों पर बड़े अक्षरों में मराठी साइनबोर्ड (Marathi Signboard) लगाने के फैसले पर शुक्रवार को रोक लगा दी है। बीएमसी की सीमा में सभी दुकानों के साइनबोर्ड को मराठी में होना अनिवार्य कर दिया गया था। फेडरेशन आफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने बीएमसी के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

    तो भी नहीं होगी कार्रवाई

    अब बीएमसी इस मामले में 18 नवंबर तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाएगी। यदि दुकानों को साइनबोर्ड मराठी में मोटे अच्छरों में नहीं हैं तो कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। बीएमसी की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर तक स्थगित कर दिया है।

    दुकानदार संघ ने राहत व्यक्त की

    दुकानों पर मराठी साइन बोर्ड नहीं होने पर की जाने वाली बीएमसी की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक पर दुकानदार संघ ने राहत व्यक्त की है। करीब 20 फीसद दुकानों पर डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगे हैं। बीएमसी ने पिछले 26 दिनों में 27000 दुकानों पर जाकर 5000 दुकानों को नोटिस दिया।

    जानें, क्या है कानून

    महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) (संशोधन) अधिनियम, 2022 में संशोधन के अनुसार, राज्य की सभी दुकानों को देवनागरी लिपि में मराठी साइनबोर्ड प्रदर्शित करना होगा। यदि ये बोर्ड एक से अधिक भाषाओं में नाम प्रदर्शित करते हैं, तो मराठी फ्रांट अन्य लिपियों से छोटा नहीं होना चाहिए और मुख्य रूप से प्रदर्शित करना होगा। महाराष्ट्र के अन्य शहरों और जिलों ने मई से कानून को लागू करना शुरू कर दिया था।

    डिफाल्टरों को नोटिस दे चुकी है बीएमसी

    बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने तीसरी समय सीमा के बाद डिफाल्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले 10 अक्टूबर से सात दिन का नोटिस जारी करना शुरू कर दिया था। मराठी साइनबोर्ड को लागू करने की तीसरी समय सीमा 30 सितंबर को समाप्त हो गई। पहले समय सीमा दो 31 मई और 30 जून थी।

    फेडरेशन आफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने दी थी चुनौती

    इस बीच, फेडरेशन आफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन (FRTWA) ने संशोधन की संवैधानिकता को चुनौती दी और कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया।

    दुकानदारों के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई

    फेडरेशन आफ ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन (FRTWA) के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर तक बीएमसी की कार्रवाई को यथास्थिति कर दिया है। बीएमसी तब तक दुकानदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है।

    बीएमसी ने 5011 दुकानों को दिया नोटिस

    इस बीच, बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि बीएमसी की टीम ने 10 अक्टूबर से 27180 दुकानों का दौरा किया। इसमें से 22169 में अधिनियम के अनुसार मराठी में नाम बोर्ड थे। 5011 दुकानों और प्रतिष्ठानों को नोटिस दिए, जिनके पास मराठी बोर्ड नहीं थे। शहर में करीब पांच लाख दुकानें हैं।

    देना होगा जुर्माना

    अधिनियम के अनुसार, दुकान के प्रति कर्मचारी पर 2000 रुपये का जुर्माना होगा। अधिनियम के तहत एक कंपाउंडिंग प्रावधान है कि बीएमसी दुकानों पर जुर्माना लगा सकती है और मामले को सुलझा सकती है, अगर दुकानें अदालती मामलों को दर्ज किए बिना मराठी में बोर्ड प्रदर्शित करती हैं।

    चार नवंबर तक की स्थिति

    • बीएमसी ने दुकानों का दौरा किया- 27180
    • मराठी बोर्ड वाली दुकानें - 22169
    • बिना मराठी बोर्ड वाली दुकानें - 5011
    • दुकानों की कुल संख्या - 500000