नासिक, पीटीआई। देश में निर्मित हथियार प्रणाली भारतीय सेना की 'एक्सरसाइज टॉपची' की विशेषता है। इस कार्यक्रम का आयोजन लेफ्टिनेंट जनरल एस. हरिमोहन अय्यर, एवीएसएम, कमांडेंट स्कूल ऑफ आर्टिलरी और कर्नल कमांडेंट रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी के नेतृत्व में किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह कार्यक्रम भारतीय तोपखाने की क्षमता को दर्शाता है। इस वर्ष हमने आत्मनिर्भरता पर जोर दिया है। लेफ्टिनेंट जनरल अय्यर ने कहा कि आज प्रदर्शित सभी गन सिस्टम और अन्य उपकरण भारतीय उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन करते हैं।
भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार
लेफ्टिनेंट जनरल अय्यर ने कहा कि बंदूकों और अन्य प्रणालियों जैसे कि के-9 वज्र, धनुष सिस्टम या एम777 गन सिस्टम, सभी को भारत में बनाया गया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि स्वाथी रडार प्रणाली, रिमोट से चलने वाले वाहनों को भारत में बनाया गया है और यह दुनिया भर में ऐसी किसी भी प्रणाली के बराबर है।
मुझे खुशी है कि हम उत्साह के साथ आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं और भारतीय सेना और आर्टिलरी रेजिमेंट किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।” धनुष गन सिस्टम चार महीने पहले आया था और वर्ष के अंत में, धनुष के पांच रेजिमेंटों को भारतीय आर्टिलरी में शामिल किया जाएगा।
एक्सर्साइज टॉपची के इस संस्करण में बंदूक, मोर्टार, रॉकेट, ड्रोन और विमानन परिसंपत्तियों को शामिल करने के लिए फायरपावर और निगरानी परिसंपत्तियों के एकीकृत रोजगार को दिखाया गया। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप इस अभ्यास का मुख्य आकर्षण स्वदेशी रूप से निर्मित आर्टिलरी उपकरणों जैसे के-9 वज्र, धनुष, इंडियन फील्ड गन (आईएफजी)/ लाइट फील्ड गन (एलएफजी) प्रणाली और पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर और फायरिंग थी।
इस कार्यक्रम में रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन, रक्षा सेवा तकनीकी स्टाफ पाठ्यक्रम, पुणे, नेपाल सेना कमान और स्टाफ कॉलेज और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
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