महाराष्ट्र में ऑनर किलिंग मामले में छह को मृत्युदंड
तीन दलित युवकों की हत्या से महाराष्ट्र का सियासी तापमान गरमा गया था।
नासिक, आइएएनएस/प्रेट्र। महाराष्ट्र के अहमदनगर में 2013 में तीन दलित युवकों के ऑनर किलिंग मामले में स्थानीय अदालत ने सभी छह दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। नासिक जिला सत्र अदालत ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित फैसले में छह को दोषी माना था और एक को बरी कर दिया था।
विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कहा कि अदालत ने प्रत्येक दोषी को 20,000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। जुर्माने की आधी राशि पीडि़त परिवारों को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी। हालांकि, मुआवजे की कुछ राशि पहले ही पीडि़त परिवारों को दी जा चुकी है।
इस मामले में जिन लोगों को मौत की की सजा सुनाई गई है, उनमें पोपट वी दरांडाले, गणेश पी दरांडाले, प्रकाश वी दरांडाले, रमेश वी दरांडाले, अशोक नवागिरे और संदीप कुरहे शामिल हैं। एक सह आरोपी अशोक आर फाल्के को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि तीन दलित युवकों की हत्या से महाराष्ट्र का सियासी तापमान गरमा गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री आरआर पाटिल ने मामला सीआइडी को सौंप दिया था। सीआइडी ने इस मामले में 982 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। पीडि़त परिवारों ने कहा था कि अहमदनगर में मामले की निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है। इसके बाद मामले को नासिक अदालत भेज दिया गया था।
यह है मामला
एक जनवरी, 2013 को अहमदनगर जिले के सोनाई गांव में सचिन सोहनलाल घारू (24), संदीप तंवर (25) और राहुल कंदारे (20) की हत्या कर दी गई थी। उनके क्षत-विक्षत शव एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुए थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार, दलित जाति का सचिन घारू स्वीपर का काम करता था। वह पोपट वी दरांडाले की बेटी से प्यार करता था। इससे दरांडाले परिवार नाराज था। इसके चलते लड़की के पिता, भाई और अन्य रिश्तेदारों ने मिलकर सचिन समेत तीन दलित युवकों की हत्या कर दी थी।
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