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    Maharashtra News: सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित, बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत की समय सीमा

    By AgencyEdited By: Umesh Kumar
    Updated: Fri, 21 Oct 2022 03:16 PM (IST)

    संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित भूमिका के लिए जुलाई में गिरफ्तार किया था। शिव सेना नेता ने पिछले महीने विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत से जमानत मांगी थी। इस याचिका अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने विरोध किया था।

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    शिव सेना के नेता और सांसद संजय राउत। फाइल फोटो।

    मुंबई, एजेंसी। शिवसेना के नेता और सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी है। जमानत याचिका पर अब सुनवाई 2 नवंबर को होगी। तब तक के लिए संजय राउत की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई। बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय राउत को गिरफ्तार किया है।

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    समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक संजय राउत को ईडी ने पात्रा चॉल मामले में गिरफ्तार किया है। इससे पहले सोमवार को राउत को विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे के समक्ष पेश किया गया था, जहां उनकी हिरासत मंगलवार तक बढ़ा दी गई थी।

    बता दें कि संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित भूमिका के लिए जुलाई में गिरफ्तार किया था। शिव सेना नेता ने पिछले महीने विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत से जमानत मांगी थी। इस याचिका अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने विरोध किया था। उन्होंने हवाला दिया था कि जांच एजेंसी के पास 2011 से रिकॉर्ड मौजूद हैं, जो बताते हैं कि संजय राउत पात्रा चॉल परियोजना में शामिल थे।

    पात्रा चॉल मामला

    सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल स्थित है, यह 47 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें 672 किरायेदार परिवार रहते हैं। 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने एचडीआईएल की एक सहयोगी कंपनी को चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था।

    जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने थे। हालांकि, ईडी के अनुसार पिछले 14 वर्षों में किरायेदारों को एक भी फ्लैट नहीं मिला है। ईडी का आरोप है कि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास ही नहीं किया। बल्कि बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में भूमि पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स बेच दिया था।