Maharashtra: मुंह के अल्सर के उपचार के लिए शरद पवार की सर्जरी की गई
Maharashtra राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार का मुंबई के एक अस्पताल में आपरेशन किया गया। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को कहा कि 80 वर्षीय नेता ठीक हैं और वह जल्द अपनी गतिविधियां शुरू करेंगे।
मुंबई, प्रेट्र। Maharashtra: मुंह के अल्सर के उपचार के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार का मुंबई के एक अस्पताल में आपरेशन किया गया। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को कहा कि 80 वर्षीय नेता ठीक हैं और वह जल्द अपनी गतिविधियां शुरू करेंगे। इस महीने की शुरुआत में पवार की यहां ब्रीच कैंडी अस्पताल में पित्ताशय की सर्जरी हुई थी। मलिक ने ट्वीट किया, हमारे अध्यक्ष शरद पवार की पित्ताशय सर्जरी के बाद अस्पताल में की गई जांच में पता चला कि उनके मुंह में अल्सर है, जिसे निकाल दिया गया है। मलिक ने कहा, वह ठीक हैं और अस्पताल में आराम कर रहे हैं। वे रोजाना महामारी की स्थिति का जायजा ले रहे हैं और जल्द ही अपनी गतिविधियां शुरू करेंगे। महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महा विकास अघाड़ी सरकार में राकांपा भी एक घटक है।
गौरतलब है कि संसद भवन पर आतंकी हमले के ठीक एक दिन पहले 12 दिसंबर, 2001 को मुंबई के रेसकोर्स में एक भव्य समारोह के बीच शरद पवार ने अपना 61वां जन्मदिन मनाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामने बड़ी बेबाकी से स्वीकार किया था कि वह भी देश के प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। इस पद के लिए आवश्यक सारी योग्यताओं के बावजूद अब तक तो वह प्रधानमंत्री नहीं बन सके। लेकिन उन्होंने हार भी नहीं मानी है। देश के अखबारों और समाचार चैनलों में दो दिन से ये खबरें चल रही हैं कि शरद पवार को संप्रग का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि स्वयं उन्होंने और उनकी पार्टी ने इन शिगूफों का खंडन किया है। लेकिन उन्हीं के लोगों की तरफ से इस बात को हवा भी दी जा रही है। कहा जा रहा है कि यह प्रस्ताव कांग्रेस के ही एक वर्ग की ओर से आया है। यह संभव भी है। क्योंकि कांग्रेस में नेतृत्व विहीनता की स्थिति बहुत पहले से महसूस की जा रही है। संभवतः उस ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ में लोग यह महसूस करने लगे हैं कि पार्टी में तो बदलाव हो नहीं सकता, तो संप्रग में ही बदलाव करके विपक्ष को कुछ धार दी जाए।
करीब साल भर पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने एक बयान में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कांग्रेस में विलय का प्रस्ताव रखते हुए कहा था कि भले ही कांग्रेस और राकांपा दो अलग-अलग पार्टियां हैं। लेकिन भविष्य में हम दोनों एक-दूसरे के करीब आएंगे, क्योंकि अब शरद पवार भी थक गए हैं, और हम भी थक गए हैं। लेकिन शिंदे के इस बयान का खंडन शरद पवार ने अगले ही दिन यह कहकर कर दिया था कि शिंदे के बारे में तो मैं नहीं जानता। लेकिन मैं नहीं थका हूं। राकांपा एक अलग पार्टी है, और उसका पृथक अस्तित्व कायम रहेगा। और उसी विधानसभा चुनाव में पवार ने अपने कथन को सिद्ध भी कर दिखाया। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें नोटिस भेजा जाना तब बहुत मजबूत दिख रही भाजपा को ऐसा भारी पड़ा कि ‘मैं पुनः आऊंगा’ का नारा बुलंद करने वाले देवेंद्र फड़णवीस सत्ता से ही बाहर हो गए।