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    'जब मैं 1978 में मुख्यमंत्री था तब वो...' अमित शाह के 'दफन' वाले बयान पर आया शरद पवार का जवाब

    Updated: Tue, 14 Jan 2025 11:30 PM (IST)

    अमित शाह ने रविवार को शिर्डी में भाजपा के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने ऐसी राजनीति को 20 फीट जमीन में दफना दिया है। अमित शाह के इस बयान पर शरद पवार ने जवाब दिया है। पवार ने कहा कि देश ने कई अच्छे गृह मंत्री देखे हैं लेकिन उनमें से किसी को भी उनके राज्य से बाहर नहीं निकाला गया था।

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    शरद पवार ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार किया है। (फोटो सोर्स: पीटीआई)

    पीटीआई, मुंबई। राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मैं 1978 में मुख्यमंत्री था। मुझे नहीं पता कि तब वह कहां थे। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मेरे मंत्रालय में जनसंघ से उत्तमराव पाटिल जैसे लोग थे। गृह मंत्री पद की मर्यादा को बनाए रखी जानी चाहिए।

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    इससे पहले अमित शाह ने रविवार को शिर्डी में भाजपा के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा की जीत ने 1978 में शरद पवार द्वारा शुरू की गई अस्थिरता और पीठ में छुरा घोंपने की राजनीति को समाप्त कर दिया है।

    भाजपा कार्यकर्ताओं ने ऐसी राजनीति को 20 फीट जमीन में दफना दिया है। पवार का बयान इसी संदर्भ में आया है। उन्होंने मुंबई में मीडिया के समक्ष कहा कि पहले राजनीतिक नेताओं के बीच अच्छा संवाद हुआ करता था, लेकिन, अब ऐसा नहीं है।

    पवार ने कहा कि इस देश ने कई अच्छे गृह मंत्री देखे हैं, लेकिन उनमें से किसी को भी उनके राज्य से बाहर नहीं निकाला गया था। जब वह गुजरात में नहीं रह सके तो मदद के लिए बालासाहेब ठाकरे के पास गए।

    दिल्ली में आप को समर्थन की पेशकश

    शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों में अकेले जाने की घोषणा के बाद विपक्षी एमवीए गठबंधन के भविष्य को लेकर पूछे जाने पर पवार ने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अगले 10 दिनों में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) नेताओं के साथ बातचीत होगी।

    उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन की पेशकश की। राजग को समर्थन देने की अटकलों पर कहा कि मेरी पार्टी का एक भी सांसद भाजपा के साथ नहीं जाना चाहता।

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