Maharashtra: शरद पवार ने अजित पवार की थपथपाई पीठ, कहा- NCP के लिए बहुत कुछ किया है
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के अपने पद पर बने रहने के फैसले के एक दिन बाद शनिवार को उन्होंने अपने भतीजे और विपक्ष के नेता (विधानसभा) अजित पवार की उनके गृह क्षेत्र बारामती में पीठ थपथपाई।

पुणे (महाराष्ट्र), एजेंसी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के अपने पद पर बने रहने के फैसले के एक दिन बाद शनिवार को उन्होंने अपने भतीजे और विपक्ष के नेता (विधानसभा) अजित पवार की उनके गृह क्षेत्र बारामती में पीठ थपथपाई।
निर्वाचक दलों और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा माला, गुलदस्ते और शॉल के साथ नायक की तरह उनका स्वागत किया गया। इस दौरान पवार ने इसे स्वीकार किया।
83 वर्षीय पवार ने स्थानीय मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी (अजीत की) छवि को अनावश्यक रूप से खराब किया जा रहा है। वह अपने लक्ष्य को पाने वाले (result-oriented person) व्यक्ति हैं। कई बार वह कम बोलते हैं इसलिए ऐसा लगता है कि कोई गलतफहमी पैदा हो रही है।
शुक्रवार को मीडिया कांफ्रेंस में अजित पवार के शामिल नहीं होने पर पवार ने कहा कि वह पार्टी और लोगों के साथ हैं। उनकी गैरमौजूदगी पर ज्यादा ध्यान न दें। उन्होंने पार्टी में काफी योगदान दिया है।
पवार ने दोहराया कि वह 24 वर्षीय NCP के लिए एक उत्तराधिकार योजना तैयार करेंगे, लेकिन अभी पार्टी का पूरा ध्यान 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों पर होगा।
चार बार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में एक मंत्री ने अगले साल होने वाले संसदीय चुनावों के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने और एकजुट करने की अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
2 मई को की थी इस्तीफे की घोषणा
पार्टी चीफ शरद पवार ने मंगलवार (2 मई) को घोषणा की थी कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं, इसके बाद पूरी पार्टी सकते में आ गई थी। बुधवार और गुरुवार को गहमा-गहमी का दौर रहा। जिसके बाद शुक्रवार (5 मई) को पवार के “उत्तराधिकारी” का फैसला करने के लिए एक पार्टी पैनल की बैठक हुई और फैसला हुआ कि इस्तीफा नामंजूर किया जाता है, इसके बाद शरद पवार ने फैसला किया कि वह पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे।
विपक्ष को एकजुट करने के लिए हो रहा काम- शरद पवार
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मेरी पार्टी मेरे इस्तीफे पर इतनी कड़ी प्रतिक्रिया देगी। कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी मुझसे अपना फैसला वापस लेने का कहा था। एक साल के भीतर आम चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से अलग हटना ठीक नहीं होगा। हम विपक्ष को एकजुट करने पर काम कर रहे हैं।
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