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    Maharashtra: शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के नाम को अयोध्या आंदोलन से नहीं किया जा सकता अलग- CM शिंदे

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Thu, 13 Apr 2023 04:28 PM (IST)

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के नाम को अयोध्या आंदोलन से अलग नहीं किया जा सकता है। वहीं एकनाथ शिंदे ने कहा कि अयोध्या उनके लिए आस्था का विषय है।

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    अयोध्या आंदोलन से बालासाहेब ठाकरे का नाम नहीं किया जा सकता अलग

    मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra CM) ने गुरुवार को कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे (Bal Thackeray) के नाम को अयोध्या आंदोलन (Ayodhya movement) से अलग नहीं किया जा सकता है।

    अयोध्या हमारे लिए आस्था का विषय- शिंदे

    बता दें कि यह टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता चंद्रकांत पाटिल द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri mosque demolition) में शिवसेना कार्यकर्ताओं की भूमिका पर सवाल उठाने के बाद आई है। पाटिल की इस टिप्पणी को खारिज करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि अयोध्या उनके लिए आस्था का विषय है।

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    मुंबई तक-बैठक कार्यक्रम (Mumbai Tak-Baithak interaction) में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने भाजपा नेता और मंत्री चंद्रकांत पाटिल से कहा कि उन्हें बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए था।

    बाबरी मस्जिद गिराते समय कहा थे शिवसेना के कार्यकर्ता

    पाटिल का यह बयान कि 1992 में जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद (Babri mosque in Ayodhya) को गिराया गया था, तब शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता मौजूद नहीं था, जिसने भाजपा को संकट में डाल दिया है, क्योंकि वह महाराष्ट्र सरकार में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ है।

    उन्होंने कहा कि अयोध्या मेरे लिए आस्था का विषय है... हमें शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह इसलिए मिला क्योंकि लोगों ने हमारे रुख को स्वीकार किया कि हमने विद्रोह क्यों किया, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव कराने से डरती नहीं है।

    अयोध्या आंदोलन से नहीं किया बालासाहेब ठाकरे को बाहर

    उन्होंने कहा, बालासाहेब ठाकरे को अयोध्या आंदोलन से बाहर नहीं किया जा सकता है। दिवंगत सेना प्रमुख ने 'गर्व से कहो हम हिंदू है' (Say with pride, we are Hindus) का नारा दिया और लोग हिंदू के रूप में एकजुट हो गए।

    शिंदे ने बताया कि मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने उनसे कहा कि उनका इरादा दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो का अपमान करना बिल्कुल भी नहीं था।

    उन्होंने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने ठाणे से चांदी की ईंटें (अयोध्या को) भेजीं। मैं पूछना चाहता हूं कि आज के नेता 'कार सेवा' (बाबरी ढांचे को गिराने के लिए आंदोलन) के दौरान कहां थे।

    शिंदे ने राज्य में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की संयुक्त 'वज्रमूठ' रैलियों को 'वज्रजूठ' करार दिया।

    विपक्ष कर रहा भारत और महाराष्ट्र का अपमान

    केंद्र सरकार और हिंदुत्व के दिवंगत विचारक वी डी सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हमले का जिक्र करते हुए शिंदे ने कहा कि विपक्ष देश के भीतर और विदेशों में भी भारत और महाराष्ट्र का अपमान कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यह देशद्रोह के अलावा और कुछ भी नहीं है।

    उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए शिंदे ने कहा कि उनके अहंकार के कारण राज्य ने विकास में कमी देखी है। उन्होंने पूछा कि राज्य के कल्याण के लिए केंद्र से मदद मांगने में क्या हर्ज है?

    हमारी सरकार कर रही अच्छा काम, विपक्ष को नहीं रहा पच

    शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसे तत्कालीन MVA शासन के दौरान रोक दिया गया था। शिंदे ने कहा कि विपक्ष इस बात को पचा नहीं पा रहा है कि हमारी सरकार अच्छा काम कर रही है।

    यह पूछे जाने पर कि क्या 2024 के विधानसभा चुनाव का नेतृत्व वह करेंगे, शिंदे ने कहा कि चुनाव अभी दूर हैं।उन्होंने कहा कि चेहरा होना मायने नहीं रखता है। कार्यकर्ता पार्टी का चेहरा होते हैं।

    16 सदस्यीय विद्रोही समूह की अयोग्यता पर एक सवाल के जवाब में शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों के अनुसार है।

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