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    महाराष्ट्र की राजीव गांधी आरोग्य योजना में हुआ घोटाला

    राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना (आरजीजेएवाई) के जरिए रोगियों को राहत पहुंचाने में 500 करोड़ का घोटाला सामने आया है। इसका खुलासा राज्य सरकार द्वारा किसानों के हितों पर ध्यान देने के लिए बनाई गई उच्चस्तरीय टास्क फोर्स ने किया है।

    By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Wed, 11 May 2016 05:53 AM (IST)

    मुंबई [राज्य ब्यूरो ] राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना (आरजीजेएवाई) के जरिए रोगियों को राहत पहुंचाने में 500 करोड़ का घोटाला सामने आया है। इसका खुलासा राज्य सरकार द्वारा किसानों के हितों पर ध्यान देने के लिए बनाई गई उच्चस्तरीय टास्क फोर्स ने किया है।

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    उक्त टास्क फोर्स के अध्यक्ष एवं किसानों के लिए लंबे समय से कार्य कर रहे किशोर तिवारी ने मुख्यमंत्री को हाल ही में एक रिपोर्ट सौंपकर इस घोटाले का खुलासा किया है। तिवारी के अनुसार करीब छह माह पहले राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में इस योजना के जरिए किसानों को लाभ पहुंचाने की घोषणा की थी। लेकिन सरकारी घोषणा के बावजूद किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था। टास्क फोर्स का अध्यक्ष होने के नाते जब किशोर तिवारी ने इस योजना की तह में जाने की कोशिश की तो उन्हें पता चला कि बीमा कंपनियों द्वारा आईआरडीए के निर्देशों का उल्लंघन कर नियुक्त की गई निजी क्षेत्र की टीपीए कंपनियां अस्पतालों में किसानों को सुविधा दिलवाने के बजाय उनकी भर्ती के मामले रद्द करवाने की मुहिम में लगी थीं। इस काम के लिए उन्हें प्रति केस 30 फीसद तक कमीशन प्राप्त होता था। जबकि टीपीए का काम किसानों के कागजात की जांच कर उन्हें लाभ दिलवाना था।

    किशोर तिवारी के अनुसार राज्य सरकार ने पिछले चार-पांच वर्ष में प्रीमियम के तौर पर बीमा कंपनियों को 2100 करोड़ रुपए अदा किए हैं। जबकि बीमा कंपनियों द्वारा 1600 करोड़ के ही दावों का निस्तारण किया गया है। इससे पता चलता है कि टीपीए एवं बीमा कंपनियों ने मिलकर करीब 500 करोड़ का चूना सरकार को लगाया है। किशोर तिवारी के अनुसार इस राशि का उपयोग किसानों के हित में होना चाहिए था। तिवारी कहते हैं कि यह जनता के पैसे की सीधी लूट का मामला है, जिसकी जांच होनी चाहिए एवं इस घोटाले के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।