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    'सीमा पर बैठे दुश्मनों को ताकत दिखाने के बजाय आपस में लड़ रहे हैं हम', संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान

    By AgencyEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Fri, 02 Jun 2023 12:01 AM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि देश की सीमाओं पर दुश्मनों को अपनी ताकत दिखाने के बजाय हम आपस में लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी को भारत की एकता और अखंडता बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए। Photo- AP

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    सरहद पर बैठे दुश्मनों को ताकत दिखाने के बजाय हम आपस में लड़ रहे हैं: आरएसएस प्रमुख

    नागपुर, पीटीआई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि देश की सीमाओं पर दुश्मनों को अपनी ताकत दिखाने के बजाय हम आपस में लड़ रहे हैं। वह आरएसएस कैडरों के लिए अधिकारी प्रशिक्षण शिविर (संघ शिक्षा वर्ग) के विदाई समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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    धर्म और पंथ से जुड़े विवाद पर क्या बोले भागवत?

    विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को देश की एकता और अखंडता को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक संकट और कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने सभी देशों के बीच अच्छा प्रदर्शन किया। भागवत ने कहा कि हमारे समाज में धर्म और पंथ से जुड़े कई विवाद हैं।

    दुश्मनों को ताकत दिखाने की जरूरतः भागवत

    मोहन भागवत ने कहा

    हम सीमा पर बैठे दुश्मनों को अपनी ताकत नहीं दिखा रहे हैं, लेकिन हम आपस में लड़ रहे हैं। हम भूल रहे हैं कि हम एक देश हैं। सभी को भारत की एकता और अखंडता बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए और अगर कोई कमी है, तो हम सभी को उन पर काम करना चाहिए।

    भागवत ने कहा कि कुछ धर्म भारत के बाहर के थे और हमारे उनके साथ युद्ध हुए थे, लेकिन बाहर वाले तो चले गए। अब तो सब देश के अंदर हैं। फिर भी यहां बाहरी लोगों के प्रभाव में लोग हैं और वे हमारे लोग हैं। उन्हें यह समझना होगा। अगर उनकी सोच में कोई कमी है, तो सुधार की हमारी जिम्मेदारी है।

    इस्लाम धर्म सदियों से भारत में है सुरक्षितः आरएसएस प्रमुख 

    उन्होंने इस्लाम धर्म पर राजनीति कर रहे लोगों को कहा कि बाहरी लोग चले गए, लेकिन इस्लाम सदियों से यहां सुरक्षित है।

    आरएसएस प्रमुख ने कहा, ''कुछ लोग इस धारणा का समर्थन करते हैं कि इतिहास काल में भारत में कोई जातिगत भेदभाव नहीं था, लेकिन यह स्वीकार करना होगा कि हमारे देश में जाति व्यवस्था के कारण अन्याय हुआ है।" संघ प्रमुख ने कहा, "हम अपने पूर्वजों का गौरव लेकर चलते हैं, तो हमें उनकी गलतियों को भी सुधारना होगा।"