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    आइएलएंडएफएस इन्वेस्टमेंट के एमडी, निदेशकों ने दिए इस्तीफे

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Sun, 23 Sep 2018 12:12 PM (IST)

    कर्ज लौटाने में डिफॉल्ट होने और अन्य कॉरपोरेट गवर्नेस के मसलों को लेकर आइएलएंडएफएस समूह संकट में है। ...और पढ़ें

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    आइएलएंडएफएस इन्वेस्टमेंट के एमडी, निदेशकों ने दिए इस्तीफे

    मुंबई, प्रेट्र। आइएलएंडएफएस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर रमेश बावा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शनिवार को यह जानकारी कंपनी ने दी है। बावा ने आइएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज के एमडी व सीईओ पद से शुक्रवार को इस्तीफा दिया था। कथित तौर पर कर्ज लौटाने में डिफॉल्ट होने और अन्य कॉरपोरेट गवर्नेस के मसलों को लेकर आइएलएंडएफएस समूह संकट में है।

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    आइएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज के चार स्वतंत्र निदेशक रेणु चल्लू, सुरिंदर सिंह कोहली, शुभलक्ष्मी पानसे और उदय वेद ने भी इस्तीफा दे दिया है। गैर कार्यकारी निदेशक विभव कपूर ने भी अपने पद से त्याग पत्र दिया है। आइएलएंडएफएस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स ने बावा के इस्तीफे के बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को जानकारी दी है।

    इस बीच, समूह की एक अन्य कंपनी आइएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटव‌र्क्स ने कहा है कि कंपनी के प्रोजेक्ट असेट्स को बेचने की रणनीतिक प्राथमिकता और नकदी जुटाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए निदेशक बोर्ड ने शनिवार को बैठक करके कंपनी के सीएफओ दिलीप भाटिया को चीफ स्ट्रैटजी ऑफीसर बनाने का फैसला किया है। वह असेट्स बेचने और अन्य रणनीतिक पहल करने की जिम्मेदारी उठाएंगे। कंपनी ने बीएसइ फाइलिंग में जानकारी दी है कि भाटिया को सीएफओ के पद से मुक्त कर दिया गया है। कंपनी सीएफओ पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश करेगी।

    कितना गंभीर है समूह का संकट

    इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप आइएलएंडएफएस हाल में सेबी समेत कई नियामकीय जांच के दायरे में आया है। उस पर वित्तीय जानकारी देने में विफलता और कॉरपोरेट गवर्नेस में चूक के आरोप हैं। इस महीने के शुरू में जानकारी मिली कि आइएलएंडएफएस समूह सिडबी से लिए 1000 करोड़ रुपये कालघुकालिक कर्ज समय पर लौटाने में विफल हो गया। इसके अलावा समूह की एक सहायक कंपनी 500 करोड़ रुपये का कर्ज सिडबी को लौटाने में विफल रही। आइएलएंडएफएस पर 35,000 करोड़ रुपये के कुल कर्ज बाकी हैं। आइएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज पर भी 17,000 करोड़ रुपये के कर्ज हैं।

    नोमुरो की रिपोर्ट के अनुसार समूह ज्यादातर कर्जदाताओं को समय पर कर्ज लौटाता रहा है। हालांकि समूह के तमाम दीर्घकालिक और लघुकालिक ऋण प्रपत्रों की रेटिंग एजेंसियों ने रेटिंग घटा दी। उसकी रेटिंग घटाकर डिफॉल्ट या जंक कर दी गई। नियामक भी कुछ लोन डिफॉल्ट की जानकारी देने में देरी के लिए जांच कर रहे हैं। सेबी, रिजर्व बैंक, कंपनी मामलों का मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को आइएलएंडएफएस और उसकी सहायक कंपनियों में गड़बडि़यों की शिकायतें मिली थीं।