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    'विचाराधीन है गैंगस्टर अबू सलेम की समयपूर्व रिहाई का प्रस्ताव' महाराष्ट्र सरकार ने उच्चन्यायालय को दी जानकारी

    Updated: Thu, 08 May 2025 09:08 PM (IST)

    राज्य सरकार ने बुधवार को न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ के समक्ष सलेम की याचिका के जवाब में दो हलफनामे पेश किए। वकील फरहाना शाह के माध्यम से दायर अपनी याचिका में सलेम ने दावा किया कि यदि अच्छे आचरण के लिए छूट को शामिल किया जाए तो वह पहले ही 25 वर्ष के कारावास की सजा काट चुका है।

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    गैंगस्टर अबू सलेम की समयपूर्व रिहाई का प्रस्ताव विचाराधीन है: महाराष्ट्र सरकार

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई उच्चन्यायालय को सूचित किया है कि प्रत्यर्पित गैंगस्टर अबू सलेम की समयपूर्व रिहाई का प्रस्ताव विचाराधीन है और इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। सरकार ने दोषी गैंगस्टर की जेल से रिहाई की याचिका के जवाब में अपने हलफनामे में कहा है कि नवंबर 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के बाद से सलेम ने जेल में केवल 19 साल बिताए हैं।

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    अबू सलेम ने क्या कहा? 

    राज्य सरकार ने बुधवार को न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ के समक्ष सलेम की याचिका के जवाब में दो हलफनामे पेश किए। वकील फरहाना शाह के माध्यम से दायर अपनी याचिका में सलेम ने दावा किया कि यदि अच्छे आचरण के लिए छूट को शामिल किया जाए तो वह पहले ही 25 वर्ष के कारावास की सजा काट चुका है।

    याचिका में कहा गया है कि जब सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था, तो भारत सरकार ने आश्वासन दिया था कि उसे किसी भी मामले में मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा और उसे 25 वर्ष से अधिक की सजा नहीं दी जाएगी।

    राज्य सरकार ने गृह विभाग के संयुक्त सचिव सुग्रीव धपटे के माध्यम से दायर अपने हलफनामे में कहा कि सलेम की समयपूर्व रिहाई का प्रस्ताव विचाराधीन है और इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। सरकारी हलफनामे के अनुसार, सलेम को नवंबर 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था, और 28 फरवरी 2025 तक उसकी वास्तविक कारावास अवधि 19 वर्ष, तीन महीने और 20 दिन थी।

    अबू सलेम का इतिहास बिल्कुल भी अच्छा नहीं: याचिकाकर्ता 

    अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और जेल महानिरीक्षक सुहास वार्के द्वारा दायर एक अन्य हलफनामे में कहा गया है कि महाराष्ट्र जेल मैनुअल के प्रावधानों के अनुसार, सलेम की समयपूर्व रिहाई का प्रस्ताव सलाहकार बोर्ड और ट्रायल कोर्ट की राय के साथ राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया था। वार्के ने हलफनामे में कहा है कि याचिकाकर्ता अबू सलेम का इतिहास बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। उसने भारत में कई अपराध किए हैं। इसके बाद वह विदेश भाग गया।

    हलफनामे के अनुसार, सलेम को 1993 बम विस्फोट मामले सहित दो मामलों में दोषी ठहराया गया है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसमें कहा गया है कि मार्च 2025 तक सलेम 19 वर्ष की कैद काट चुका है, इसलिए 25 वर्ष की अवधि अभी तक पूरी नहीं हुई है। हलफनामे के अनुसार याचिकाकर्ता (सलेम) की 25 वर्ष की सजा पूरी होने की अंतिम तिथि महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग द्वारा उसकी समयपूर्व रिहाई पर निर्णय लिए जाने के बाद ही तय की जाएगी। पीठ ने मामले की सुनवाई जून में तय की है।