युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर नहीं होगा धोखाधड़ी, इस राज्य में बनने जा रहा सख्त कानून
प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से युवाओं को ठगे जाने की बढ़ती घटनाओं पर नकेल कसने के लिए महाराष्ट्र निजी प्लेसमेंट एजेंसी (विनियमन) विधेयक में कड़े प्रावधान किए गए हैं। यदि अब कोई प्लेसमेंट एजेंसी किसी युवक के साथ धोखाधड़ी करती है या फिर झूठे वादे करती है और दोषी पाई जाती है तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई के अलावा उसका रजिस्ट्रेशन भी रद कर दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार निजी प्लेसमेंट एजेंसियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। इसके लिए महाराष्ट्र निजी प्लेसमेंट एंजेंसी (विनियमम) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी गई है। इस विधेयक के अनुसार यदि किसी निजी प्लेसमेंट एजेंसी ने अपना रजिस्ट्रेशन कराए बिना काम किया तो उस पर एक लाख रुपए का दंड और तीन वर्ष की जेल का कड़ा प्रावधान किया गया है।
यह जानकारी कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा के दौरान दी। उन्होंने बताया कि महायुती सरकार राज्य के प्रत्येक युवा को सुरक्षित रोजगार दिलाने की दिशा में कार्य कर रही है।
प्लेसमेंट एजेंसी की रद भी हो सकती है रजिस्ट्रेशन
प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से युवाओं को ठगे जाने की बढ़ती घटनाओं पर नकेल कसने के लिए महाराष्ट्र निजी प्लेसमेंट एजेंसी (विनियमन) विधेयक में कड़े प्रावधान किए गए हैं। यदि अब कोई प्लेसमेंट एजेंसी किसी युवक के साथ धोखाधड़ी करती है या फिर झूठे वादे करती है और दोषी पाई जाती है तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई के अलावा उसका रजिस्ट्रेशन भी रद कर दिया जाएगा।
लोढ़ा ने बताया कि अब प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए हर पांच साल में अपने रजिस्ट्रेशन का नूतनीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को 2008 तक एक ट्रिलियन डॉलर ले जाना लक्ष्य
लोढ़ा ने बताया कि महाराष्ट्र भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (नॉमिनल जीडीपी) में 14% यानी 35.27 लाख करोड़ रुपए का योगदान देता है। राज्य की अर्थ व्यवस्था को वर्ष 2028 तक एक ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके लिए कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग ने करीब 1500 से अधिक उद्योगों और दो लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को जोड़कर कौशल आवश्यकता विश्लेषण सर्वेक्षण (एमएसएनएएस) किया है। ताकि महाराष्ट्र न केवल कौशल के अंतर को पाट सके, बल्कि अपने उद्योगों की नींव को भी मजबूत कर सके।
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