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    विकास के जरिए बीएमसी में शिवसेना को परास्त करने की तैयारी, मुंबई में करोड़ों की परियोजनाओं का किया उद्घाटन

    By Jagran NewsEdited By: Amit Singh
    Updated: Thu, 19 Jan 2023 06:32 PM (IST)

    मुंबई के लोगों को हर साल बरसात के दिनों में जलभराव का सामना करना पड़ता है। इसी जलभराव के कारण सड़कों पर गड्ढे पड़ जाते हैं जिसके कारण वाहन धीरे चलाने पड़ते हैं। लंबे जाम का सामना करना पड़ता है।

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    विकास के जरिए बीएमसी में शिवसेना को परास्त करने की तैयारी

    राज्य ब्यूरो, मुंबई: प्रधानमंत्री ने गुरुवार को मुंबई में करीब 38000 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया। ये सारी परियोजनाएं आम मुंबईवासियों के जीवन को सीधे लाभ पहुंचाने वाली हैं। भाजपा इन्हीं परियोजनाओं के जरिए 25 साल से मुंबई महानगरपालिका पर शासन कर रही शिवसेना को इस बार परास्त करने की तैयारी कर रही है।

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    मुंबई के लोगों को हर साल बरसात के दिनों में जलभराव का सामना करना पड़ता है। इसी जलभराव के कारण सड़कों पर गड्ढे पड़ जाते हैं, जिसके कारण वाहन धीरे चलाने पड़ते हैं। लंबे जाम का सामना करना पड़ता है। इन गड्ढों को भरने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। इसी प्रकार मुंबई की जीवनरेखा कही जानेवाली लोकल ट्रेनों और बेस्ट की बसों के अलावा लोगों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था।

    यह समस्या दूर करने के लिए ही 2014 में बनी फडणनीस सरकार ने मुंबई में मेट्रो रेल नेटवर्क तैयार करने की शुरुआत की थी। इस योजना का पहला नेटवर्क अब लोगों के उपयोग के लिए तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री के आज के कार्यक्रम में या तो मुंबईवासियों को उपरोक्त समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाली परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है, या उद्घाटन किया गया है।

    हर साल बरसात के दिनों में खड़ी होने वाली समस्या गड्ढों की थी। इससे मुक्ति दिलाने के लिए ही शिंदे-फडणवीस सरकार ने मुंबई के अंदर ही अंदर 400 किमी. लंबी सड़कों के कंक्रीटीकरण की योजना बनाई है। इस पर 6000 करोड़ रुपयों का खर्च आने की संभावना है।

    प्रधानमंत्री के हाथों इस योजना का शिलान्यास करवाकर वर्तमान राज्य सरकार मुंबईवासियों को आश्वस्त करना चाहती है कि उसे अगली बरसात के बाद गड्ढों का कष्ट नहीं उठाना पड़ेगा। जबकि लंबे समय से बीएमसी पर काबिज शिवसेना यह काम आज तक नहीं कर सकी। हालांकि उसके नेता आदित्य ठाकरे इस योजना का यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि बीएमसी में निर्वाचित सरकार के बिना कोई राज्य सरकार इतना बड़ा निर्णय कैसे ले सकती है ?

    इसी प्रकार स्वयं प्रधानमंत्री ने जिस मेट्रो रेल नेटवर्क का शिलान्यास 2015 में किया था, उसके पहले चरण का उद्घाटन करके उन्होंने पश्चिमी उपनगर के लोगों को बहुत बड़ी सौगात दे दी है। मुंबई के उत्तर छोर दहिसर से अंधेरी पूर्व एवं अंधेरी पश्चिम तक अब लोगों का आवागमन अत्यंत सुगम हो जाएगा। साथ ही, करीब 18 किमी. की इस दूरी तक लोकल ट्रेनों में भीड़ से भी उन्हें काफी राहत मिलने की उम्मीद है।

    इस परियोजना पर 12,600 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। शिवसेना इस परियोजना पर भी यह कहकर विरोध के स्वर उठा रही है कि इस मेट्रो नेटवर्क का बड़ा काम उनकी महाविकास आघाड़ी के कार्यकाल में हुआ था, तो इसका श्रेय शिंदे-फडणवीस सरकार क्यों ले रही है।

    वास्तव में यह मेट्रो नेटवर्क न सिर्फ पश्चिमी उपनगर के लोगों को राहत देगा, बल्कि मुंबई में पहले से चल रही मेट्रो से जुड़कर पूर्वी उपनगर के बीच पुल का भी काम करेगा। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड (मुंबई-1) की भी शुरुआत करेंगे। इसका उपयोग शुरुआत में मेट्रो नेटवर्क में होगा, लेकिन बाद में यही कार्ड दिखाकर लोग लोकल ट्रेनों और बेस्ट की बसों में भी सफर कर सकेंगे।

    इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 20 ऐसे अस्पतालों का भी उदघाटन किया जिनका नाम शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे के नाम पर रखा गया है। शिवसेना में हो चुके बड़े विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे को सीधी चुनौती देने वाली इस योजना में अस्पतालों का नाम – ‘हिंदूहृदयसम्राट बालासाहब ठाकरे आपला दवाखाना’ रखा गया है।

    इन दवाखानों में स्वास्थ्य जांच, टेस्ट और दवाओं जैसी सेवाएं निशुल्क प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने महानगर के तीन अलग-अलग हिस्सों में बनने जा रहे तीन मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों का भी शिलान्यास किया है। नागरिक सुविधाओं में ही सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास भी शामिल है। जो शहर की स्वच्छता बढ़ाने में मददगार साबित होनेवाले हैं।