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    पवार-ठाकरे की बैठक में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर विपक्ष की तैयारियों पर हुई चर्चा, संजय राउत ने दी जानकारी

    By AgencyEdited By: Amit Singh
    Updated: Wed, 08 Nov 2023 03:33 PM (IST)

    राउत ने बताया कि चुनावी व्यस्तता के कारण बैठक में कोई भी कांग्रेसी नेता मौजूद नहीं था। उन्होंने बताया कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच मराठा आरक्षण की मांग पर महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति और विपक्ष द्वारा अपनाए जाने वाले रुख पर चर्चा हुई। साथ ही राउत ने बताया कि चुनावों में सीट-बंटवारे का क्या फॉर्मूला होगा इस पर भी चर्चा की गई।

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    पवार और ठाकरे की बैठक के बारे में संजय राउत ने दी जानकारी।

    पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर खड़े हुए सियासी संकट के बीच मंगलवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की राज्यसभा सांसद संजय राउत की मौजूदगी में एक बैठक हुई। बुधवार को मीडिया से बात करते हुए राउत ने बताया कि बैठक में मराठा आरक्षण की मांग से पैदा हुई राजनीतिक स्थिति और अगले साल होने वाले लोकसभा और प्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई।

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    राउत ने बताया कि चुनावी व्यस्तता के कारण बैठक में कोई भी कांग्रेसी नेता मौजूद नहीं था। उन्होंने बताया कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच मराठा आरक्षण की मांग पर महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति और विपक्ष द्वारा अपनाए जाने वाले रुख पर चर्चा हुई। राउत ने बताया कि बैठक में हुई कि अगर लोकसभा चुनाव महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के साथ होते हैं, तो ऐसे में विपक्ष की क्या रणनीति होगी साथ ही सीट-बंटवारे का क्या फॉर्मूला होगा इस पर भी चर्चा की गई।

    राउत ने बताया कि अंतिम बैठक दिल्ली में होगी और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगियों के बीच कोई असहमति नहीं है और सब कुछ सुचारू रूप से तय हो जाएगा। दरअसल एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस शामिल हैं। नवंबर 2019 से तीनों दल (जब शिवसेना और एनसीपी अविभाजित थे) महाराष्ट्र में सत्ता में थे, लेकिन जून 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई।

    शिंदे और 39 अन्य सेना विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिला लिया और शिंदे मुख्यमंत्री बन गए। एनसीपी नेता अजित पवार और उनकी पार्टी के आठ अन्य विधायक इस साल जुलाई में शिंदे सरकार में शामिल हुए थे।

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