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    OBC समाज का अनशन महाराष्ट्र सरकार के लिए बना मुसीबत, मनोज जरांगे के जवाब में अब भूख हड़ताल पर ओबीसी कार्यकर्ता

    Updated: Mon, 17 Jun 2024 10:37 PM (IST)

    महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल के अनशन के जवाब में OBC कार्यकर्ताओं का पांच दिन से चल रहा अनशन सरकार के लिए नई मुसीबत बन गया है। सोमवार को राज्य सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल अनशन पर बैठे ओबीसी कार्यकर्ताओं से मिलने वाडीगोदरी गांव पहुंचा। कराड ने लक्ष्मण हाके एवं नवनाथ वाघमारे से अनशन खत्म करने या जल ग्रहण करने का आग्रह किया।

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    मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे। फाइल फोटो।

    ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल के अनशन के जवाब में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कार्यकर्ताओं का पांच दिन से चल रहा अनशन सरकार के लिए नई मुसीबत बन गया है। अनशन खत्म कराने के लिए सोमवार को उनसे मिलने गए सरकारी प्रतिनिधिमंडल को उन्होंने अनशन खत्म करने से मना कर दिया है।

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    पांच दिन से अनशन कर रहे हैं लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे

    संपूर्ण मराठा समाज को कुनबी (खेतिहर मराठा) का दर्ज देकर उन्हें ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देने की मांग करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने चार दिन पहले ही अपना अनशन स्थगित किया है। उनका अनशन जालना के अंतरवली सराटी गांव में चल रहा था। इस गांव से कुछ ही दूरी पर दूसरे गांव वाडीगोदरी में ओबीसी समाज के कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके एवं नवनाथ वाघमारे पांच दिन से अनशन कर रहे हैं। रविवार से उन्होंने जल ग्रहण करना भी बंद कर दिया है।

    ये दोनों मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल की इस मांग का विरोध कर रहे हैं कि संपूर्ण मराठा समाज को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिया जाए। वे सरकार द्वारा जारी इस आदेश को रद करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें अब तक कुनबी घोषित किए जा चुके मराठों के सगे-संबंधियों को भी कुनबी घोषित करने की बात कही गई है, जबकि जरांगे पाटिल ने इसी शर्त पर अपना अनशन खत्म किया है कि अब तक कुनबी घोषित किए जा चुके 54 लाख मराठों के सभी सगे-संबंधियों को एक माह के अंदर कुनबी प्रमाणपत्र दे दिया जाए। नहीं तो वह फिर से अपना अनशन शुरू कर देंगे। दोनों समाजों में यह टकराव राज्य सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है।

    प्रतिनिधिमंडल ने अनशन खत्म करने का किया आग्रह

    सोमवार को राज्य सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल अनशन पर बैठे ओबीसी कार्यकर्ताओं से मिलने वाडीगोदरी गांव पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता डा. भागवत कराड के साथ शिवसेना शिंदे गुट के नवनिर्वाचित सांसद संदीपन भुमरे एवं राज्य सरकार में मंत्री अतुल सावे थे।

    डॉ. कराड ने लक्ष्मण हाके एवं नवनाथ वाघमारे से अनशन खत्म करने या जल ग्रहण करने का आग्रह किया, लेकिन अनशनकारियों ने उनका यह आग्रह यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह तब तक जल ग्रहण नहीं करेंगे, जब तक मुख्यमंत्री अब तक कुनबी घोषित किए जा चुके मराठों के सगे-संबंधियों को भी कुनबी प्रमाणपत्र दिए जाने का आदेश रद नहीं करेंगे।

    ओबीसी आंदोलनकारियों की उपेक्षा उचित नहीं: पंकजा मुंडे

    भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने भी अपनी ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार को सभी आंदोलनकारियों के साथ एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल के लिए लाल कालीन बिछा देना और ओबीसी आंदोलनकारियों की उपेक्षा करना उचित नहीं है। रविवार को पूर्व भाजपा विधायक एवं ओबीसी नेता प्रकाश शेंडगे ने भी आंदोलनकारियों से मिलकर उन्हें अपना समर्थन दिया। 

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