पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों पर सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला? नितिन गडकरी बोले- 2030 तक...
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया है कि 2030 तक भारत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उत्पादन में दुनिया का अग्रणी देश बन जाएगा जिसका वैश्विक ऑटो बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता एक आर्थिक बोझ है क्योंकि ईंधन आयात पर प्रतिवर्ष 22 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं।

पीटीआई, मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जीवाश्म ईंधन से वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि प्रदूषण भारत की सबसे बड़ी चुनौती है और परिवहन क्षेत्र इसमें प्रमुख योगदान देता है।
उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता एक आर्थिक बोझ है, क्योंकि ईंधन आयात पर प्रतिवर्ष 22 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं तथा यह पर्यावरणीय खतरा भी है, जिससे देश की प्रगति के लिए स्वच्छ ऊर्जा को अपनाना महत्वपूर्ण हो जाता है।
साइकिलिंग को बढ़ावा देने की अपील
ठाणे में पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक साइकिल की शुरुआत के अवसर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए साइकिलिंग को एक टिकाऊ शहरी परिवहन विकल्प के रूप में बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
गडकरी ने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र तेज वृद्धि के कारण 2014 के बाद से जापान को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया है। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उत्पादन में दुनिया का अग्रणी देश बन जाएगा, जिसका वैश्विक ऑटो बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
वैकल्पिक ईंधन को बताया जरूरत
- केंद्रीय मंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक किफायती बनाने और उन्हें पारंपरिक ईंधन चालित वाहनों के मूल्य समतुल्य बनाने के लिए लिथियम-आयन बैटरी की कीमतों में कमी को श्रेय दिया। गडकरी ने कहा कि प्रदूषण हमारे देश की सबसे बड़ी चुनौती है और परिवहन क्षेत्र इसमें सबसे ज्यादा योगदान देता है।
- उन्होंने कहा कि बिजली और वैकल्पिक ईंधन की ओर बदलाव न केवल पर्यावरणीय आवश्यकता है, बल्कि आर्थिक अनिवार्यता भी है। मंत्री ने कहा कि भारत में इंजीनियरिंग क्षेत्र की युवा प्रतिभा ईवी प्रौद्योगिकी और वैकल्पिक ईंधन में नवाचारों के पीछे प्रेरक शक्ति है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल कर रहे हैं, जिससे भारत हरित ऊर्जा क्रांति में सबसे आगे आ रहा है।
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