शरद पवार गुट को मिली नए नाम और चुनावी चिह्न की परमिशन, सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल का दिया आदेश
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शरद पवार गुट को किस नाम और चुनाव चिह्न के साथ लड़ना है इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार गुट की पार्टी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरद चंद्र पवार और तुरही बजाते हुए आदमी चुनाव चिह्न के तौर पर आवंटित किया है। वहीं अजित पवार गुट को घड़ी चुनाव चिह्न और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम दिया।
एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार को मंगलवार (19 मार्च, 2024) को बड़ी राहत दी है। दरअसल, कोर्ट ने शरद पवार गुट को लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के नाम 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' का और पार्टी चिन्ह 'तुरहा बजाते व्यक्ति' का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है।
लोकसभा चुनाव में नया चिह्न होगा पहचान
जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की पीठ ने अनुभवी राजनेता शरद पवार गुट को 'तुरहा बजाते हुए आदमी' को अपने चुनावी चिह्न के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही, उन्होंने शरद पवार गुट को निर्देश दिया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव इन्हीं चिह्न और नाम के आधार पर लड़ेंगे।
चुनाव आयोग को दिया निर्देश
पीठ ने चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' और उसके चुनाव चिह्न 'तुरहा बजेता आदमी' को मान्यता देने का निर्देश दिया है। इसने चुनाव आयोग से यह भी कहा कि वह किसी अन्य पार्टी या स्वतंत्र उम्मीदवार को 'तुरहा बजाते हुए आदमी' चुनाव चिह्न आवंटित न करे।
साथ ही, कोर्ट ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट से अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में समाचार पत्रों में एक सार्वजनिक नोटिस जारी करने के लिए कहा, जिसमें कहा गया कि 'घड़ी' प्रतीक न्यायाधीन है और इसका उपयोग निर्णय के अधीन है।
पीठ ने कहा कि अजीत पवार गुट को सभी चुनाव संबंधी ऑडियो-विजुअल विज्ञापनों, बैनर और पोस्टर जैसी प्रचार सामग्री में इसी तरह की घोषणा करनी होगी।
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