नागपुर हिंसा के दंगाइयों के घर नहीं चलेगा बुलडोजर, बॉम्बे HC ने अधिकारियों को लगाई फटकार
Nagpur Violence महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की मांग के जवाब में 17 मार्च को भड़की हिंसा के कथित मास्टरमाइंड फहीम खान के घर पर बुलडोजर चलाया। नागपुर नगर निगम की एक टीम खान के घर पर बुलडोजर लेकर पहुंची और एक अनाधिकृत संरचना को गिरा दिया। फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का प्रमुख भी हैं।

राज्य ब्यूरो, नागपुर। नागपुर नगर निगम ने सोमवार को हाल की नागपुर हिंसा के दो आरोपितों के घरों में अनाधिकृत निर्माण गिराने की कार्रवाई शुरू की थी। लेकिन मुंबई उच्चन्यायालय की नागपुर खंडपीड ने दोनों आरोपितों के घर गिराने पर रोक लगा दी, और इस कार्रवाई के लिए प्रशासन को फटकार भी लगाई है।
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की मांग के जवाब में 17 मार्च को भड़की हिंसा के कथित मास्टरमाइंड फहीम खान के घर पर बुलडोजर चलाया।
नागपुर नगर निगम की एक टीम खान के घर पर बुलडोजर लेकर पहुंची और एक अनाधिकृत संरचना को गिरा दिया। अधिकारियों ने बताया कि खान को पहले भी कई उल्लंघनों का हवाला देते हुए नोटिस जारी किया गया था, जिसमें वैध बिल्डिंग प्लान स्वीकृति की अनुपस्थिति भी शामिल थी।
पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
कई चेतावनियों के बावजूद उन्होंने अनाधिकृत निर्माण नहीं हटाया, जिसके कारण आज इमारत को गिरा दिया गया। फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का प्रमुख भी हैं। उस पर पांच अन्य लोगों के साथ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपितों में से एक अब्दुल हफीज शेख के घर पर भी नागपुर नगर निगम की टीम ने तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी थी।
लेकिन इसी बीच मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने हिंसा मामले में फहीम खान समेत दो आरोपितों के मकानों को ध्वस्त करने पर सोमवार को रोक लगा दी और प्रशासन को इस कार्रवाई के लिए फटकार भी लगाई। हालांकि खान के दो मंजिला मकान को उच्च न्यायालय द्वारा दोपहर में आदेश पारित करने से पहले ही गिरा दिया गया था, लेकिन अधिकारियों ने अदालत के निर्देश के बाद अन्य आरोपी यूसुफ शेख के मकान के अवैध हिस्से को गिराने का काम रोक दिया। दोनों ने सोमवार को विध्वंस के खिलाफ उच्च न्यायालय में तत्काल सुनवाई की मांग की थी।
अदालत ने सरकार और नगर निगम अधिकारियों से जवाब मांगा
न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की खंडपीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई की। पीठ ने सवाल किया कि कथित अवैध हिस्सों को ध्वस्त करने से पहले मकान मालिकों की बात क्यों नहीं सुनी गई। पीठ ने कहा कि यह कार्रवाई संपत्ति के मालिकों की बात सुने बिना ही दमनात्मक तरीके से की गई है।
खान की ओर से पेश हुए वकील अश्विन इंगोले ने कहा कि अदालत ने सरकार और नगर निगम अधिकारियों से जवाब मांगा है तथा मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को तय की है। इंगोले के अनुसार पीठ ने कहा है कि यदि यह निष्कर्ष निकलता है कि ध्वस्तीकरण अवैध रूप से किया गया था, तो प्राधिकारियों को हुए नुकसान की भरपाई करनी होगी।
सोमवार को सुबह करीब 10.30 बजे नागपुर नगर निगम की तीन जेसीबी मशीनों ने यशोधरा नगर क्षेत्र के संजय बाग कॉलोनी स्थित फहीम के घर को भारी सुरक्षा और पूरे इलाके में ड्रोन निगरानी के बीच ध्वस्त करना शुरू कर दिया था। एक नगर निगम अधिकारी ने बताया कि खान की मां के नाम पर पंजीकृत यह मकान नागपुर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (लीज) के एक भूखंड पर स्थित था और इसका पट्टा 2020 में समाप्त हो गया था।
अधिकारी ने बताया कि इमारत के लिए कोई मंजूरी योजना नहीं थी और पूरा निर्माण अनाधिकृत था। इसलिए एमआरटीपी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई से 24 घंटे पहले ही ध्वस्तीकरण का नोटिस दे दिया गया था।
सोशल मीडिया एकाउंट्स की जांच
नागपुर पुलिस दंगों के सिलसिले में 300 से ज़्यादा सोशल मीडिया अकाउंट की जांच कर रही है, जिनमें से 140 में आपत्तिजनक पोस्ट और वीडियो पाए गए हैं। इन अकाउंट के खिलाफ़ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। बता दें कि नागपुर दंगों के मामले में अब तक चार एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 50 से ज़्यादा आरोप लगाए गए हैं।
अधिकारियों ने संकेत दिया है कि जांच आगे बढ़ने पर और भी एफआईआर दर्ज की जाएंगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने, जिनके पास गृह मंत्रालय का भी प्रभार है, इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने घोषणा की है कि हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई संपत्तियों की कीमत दंगाइयों से वसूली जाएगी। अगर वे भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और नुकसान की भरपाई के लिए नीलामी की जाएगी।
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