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    EVM खोलने के लिए क्या आता है कोई OTP? चुनाव आयोग ने किया साफ; पुलिस ने मांगी CCTV फुटेज

    Updated: Sun, 16 Jun 2024 08:51 PM (IST)

    चुनाव अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में साफ किया कि ईवीएम अनलॉकिंग के लिए कोई ओटीपी नहीं आता है। ईवीएम अपने आप में एक स्वतंत्र मशीन है । इसमें तार या बेतार संचार की कोई व्यवस्था नहीं होती है। इसलिए यह खबर आधारहीन है कि किसी मोबाइल पर ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी आना था।

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    EVM खोलने के लिए क्या आता है कोई OTP? (Image: ANI)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई।  उत्तर-पश्चिम मुंबई संसदीय क्षेत्र में मतगणना के दौरान मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन इस्तेमाल किए जाने के आरोप में नवनिर्वाचित सांसद रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। 

    चुनाव आयोग की तरफ से यह बात साफ की गई है कि ईवीएम खोलने के लिए किसी तरह का कोई ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) नहीं आता है। ईवीएम एक स्टैंड अलोन यंत्र होता है, जिसे किसी तार या बेतार सिस्टम से जोड़ा नहीं जा सकता।

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    ईवीएम में गड़बड़ी कोई मुद्दा क्यों नहीं बना?

    हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में इस बार अब तक ईवीएम में गड़बड़ी कोई मुद्दा नहीं बन सकी थी। लेकिन अब मुंबई उत्तर-पश्चिम में ईवीएम के दुरुपयोग का मुद्दा राजनीतिक विवाद का कारण बन रहा है। यहां शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर मात्र 48 मतों से विजयी रहे हैं।

    इतने कम मतों के अंतर से हुई विजय के बाद उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि मतों की गिनती के दौरान मतगणना केंद्र के अंदर नवनिर्वाचित सांसद के एक रिश्तेदार को फोन पर बात करते देखा गया। जबकि चुनाव आयोग के नियमानुसार मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित होता है।

    मतगणना केंद्र पर लगे सीसीटीवी की फुटेज मांगी गई

    वायकर के प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों की शिकायत पर वह मोबाइल फोन पहले ही पुलिस द्वारा जब्त कर लिया गया था। यह फोन मतगणना में लगे पोल पोर्टर आपरेटर दिनेश गुरव का था। गुरव एवं फोन पर बात करनेवाले मंगेश पंडीलकर के विरुद्ध गोरेगांव के वनराई पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

    पुलिस ने चुनाव आयोग से मतगणना केंद्र पर लगे सीसीटीवी की फुटेज भी मांगी है। विरोधी पक्ष द्वारा सवाल उठाया जा रहा है कि जिस फोन से मंगेश पंडीलकर को बात करते देखा गया, उसी फोन पर ईवीएम अनलॉक (खोलने) के लिए ओटीपी भी आना था। इससे फोन का दुरुपयोग ईवीएम से मतों की गिनती में किया गया।

    ईवीएम अनलॉकिंग के लिए कोई ओटीपी नहीं

    लेकिन इन आरोपों के बाद आज चुनाव अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में साफ किया कि ईवीएम अनलॉकिंग के लिए कोई ओटीपी नहीं आता है। ईवीएम अपने आप में एक स्वतंत्र मशीन है। इसमें तार या बेतार संचार की कोई व्यवस्था नहीं होती है। इसलिए यह खबर आधारहीन है कि किसी मोबाइल पर ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी आना था। ये ईवीएम एक बार पोलिंग एजेंट्स के सामने सील होने के बाद पोलिंग एजेंट्स के सामने ही सील तोड़कर खोली जाती है।

    चुनाव आयोग ने दी सफाई

    चुनाव विभाग की तरफ से ये सफाई रविवार शाम को दी गई है। लेकिन उससे पहले से ही इस मुद्दे पर टीका-टिप्पणियां हो रही हैं। शिवेसना (यूबीटी) की प्रवक्ता प्रियंक चतुर्वेदी ने कहा है कि ये सीधा-सीधा एक हारे हुए व्यक्ति को जिताने का मामला है। ये भ्रष्टाचार का मामला है।

    प्रियंका का कहना है कि रवींद्र वायकर तब तक संसद सदस्य की शपथ नहीं लेनी चाहिए, जब तक इस मामले में जांच पूरी नहीं हो जाती। इसका जवाब देते हुए शिवसेना (शिंदे) गुट के सदस्य संजय निरुपम कहते हैं कि ऐसी खबरें जानबूझकर फैलाई जा रही हैं। जिसे लगता है कि उसके साथ अन्याय हुआ है, वह शौक से अदालत में जा सकता है।

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