क्या National Herald की जमीन वापस लेगी सरकार; RTI कार्यकर्ता ने CM फडणवीस को क्यों लिखी चिट्ठी?
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री फडणवीस को पत्र लिखकर मांग की है कि बांद्रा (पूर्व) स्थित सर्वे नंबर 341 पर असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को 1983 में नेशनल हेराल्ड कार्यालय नेहरू लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर के लिए दी गई सरकारी जमीन का दुरुपयोग हुआ है। गलगली के अनुसार यह बात गौतम चटर्जी समिति की जांच रिपोर्ट में सामने आ चुकी है। इस प्रकरण में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार का नाम प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र में आने के बाद एक ओर कांग्रेस कार्यकर्ता देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं, तो दूसरी ओर मुंबई के प्रमुख क्षेत्र में नेशनल हेराल्ड की भूमि के दुरुपयोग मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कार्रवाई करने की मांग भी उठने लगी है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री फडणवीस को पत्र लिखकर मांग की है कि बांद्रा (पूर्व) स्थित सर्वे नंबर 341 पर असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को 1983 में नेशनल हेराल्ड कार्यालय, नेहरू लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर के लिए दी गई सरकारी जमीन का दुरुपयोग हुआ है।
निर्माण कार्य में हुआ नियमों का उल्लंघन: अनिल गलगली
गलगली के अनुसार यह बात गौतम चटर्जी समिति की जांच रिपोर्ट में सामने आ चुकी है। इसलिए इस प्रकरण में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। अनिल गलगली के अनुसार जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि भूमि पर 83,000 वर्गफुट का निर्माण किया गया है, जिसमें 11,000 वर्गफुट बेसमेंट और 9,000 वर्गफुट ऊपरी मंजिल का अतिरिक्त उपयोग किया गया है, जो नियमों का उल्लंघन है।
नियमानुसार केवल 15 प्रतिशत व्यवसायिक उपयोग की अनुमति थी, लेकिन इसका भी उल्लंघन हुआ है। इसके अलावा छात्रावास हेतु आरक्षित अतिरिक्त जमीन भी नियमों की अनदेखी कर संस्था को दी गई है।
जमीन को सरकार के पास वापस लेने की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाए: अनिल गलगली
2001 में राजस्व विभाग द्वारा एक विवादित आदेश के तहत लीज पर दी गई जमीन को सीधे मालिकाना हक में परिवर्तित कर 2.78 करोड़ की ब्याज राशि भी माफ कर दी गई, जिसे समिति ने नियमविरोधी बताते हुए पुनर्विचार की सिफारिश की है।
अनिल गलगली ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से मांग की है कि उक्त जमीन को सरकार के पास वापस लेने की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाए। माफ की गई ब्याज राशि और अतिरिक्त दंड वसूला जाए। इमारत की एक मंजिल पर पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावास शुरू किया जाए। शेष भूमि पर पुस्तकालय और रिसर्च सेंटर शुरू करने के निर्देश दिए जाएं। तथा गौतम चटर्जी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।

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