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    'देवेंद्र फडणवीस ने बेटी की कसम खाकर किया था वादा', डिप्टी CM पर क्यों भड़के एकनाथ खडसे?

    Updated: Fri, 13 Sep 2024 09:06 PM (IST)

    लंबे समय से भाजपा में पुनर्प्रवेश की राह देख रहे वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे की नाराजगी आज खुलकर सामने आ गई। उन्होंने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें अपनी बेटी की कसम खाकर राज्यपाल बनवाने का वायदा किया था। लेकिन उन्होंने अपना वायदा पूरा नहीं किया। बता दें कि खडसे लोकसभा चुनाव के पहले से ही राकांपा छोड़कर भाजपा में आने की राह देख रहे हैं।

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    डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस पर भड़के एकनाथ खडसे (फोटो-जागरण)

    राज ब्यूरो, मुंबई। लंबे समय से भाजपा में पुनर्प्रवेश की राह देख रहे वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे की नाराजगी आज खुलकर सामने आ गई। उन्होंने कहा है कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें अपनी बेटी की कसम खाकर राज्यपाल बनवाने का वायदा किया था। लेकिन उन्होंने अपना वायदा पूरा नहीं किया।

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    खडसे लोकसभा चुनाव के पहले से ही राकांपा छोड़कर भाजपा में आने की राह देख रहे हैं। लेकिन अब उन उनका धैर्य जवाब दे गया लगता है। तभी उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा है कि देवेंद्र फडणवीस ने 2019 में उन्हें राज्यपाल बनवाने का वायदा किया था। लेकिन उन्होंने अपना यह वायदा पूरा नहीं किया। खडसे ने कहा कि फडणवीस के यह वायदा करने के बाद मैंने उनसे कहा था कि देवेंद्र जी सच सच बोलो। आपने कई बार मुझसे कहा कि मैं ये करूंगा, वो करूंगा। लेकिन कुछ किया नहीं। इसलिए मुझे विश्वास नहीं होता। तब देवेंद्र ने कहा था कि मैं अपनी इकलौती पुत्री की कसम खाकर यह वायदा कर रहा हूं। ऐसी कसम खाने के बावजूद उन्होंने अब तक अपना वायदा पूरा नहीं किया है।

    2019 में काटा गया था उनका टिकट

    बता दें कि एकनाथ खडसे महाराष्ट्र भाजपा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का प्रमुख चेहरा माने जाते रहे हैं। प्रदेश की राजनीति में वह प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे के करीबी रहे हैं। 2014 में देवेंद्र फडणवीस की सरकार में राजस्व मंत्री बनने के बाद कुछ विवादों से जुड़ने के कारण 2019 में उनका टिकट काट दिया गया था।

    शरद पवार ने बनाया था विधान परिषद का सदस्य

    उसके बाद वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में चले गए थे, जहां शरद पवार ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया गया था। लेकिन उनके भाजपा छोड़ने से पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में ही उनकी बहू रक्षा खडसे को भाजपा ने लोकसभा का टिकट दिया था, और वह जीतीं भी। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले खडसे के राकांपा में होने के कारण ही रक्षा खडसे को पुनः टिकट मिलने को लेकर आशंका जताई जा रही थी। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट भी दिया, और जीतने के बाद केंद्र में मंत्री भी बनाया है।

    खडसे हाल के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी बहू रक्षा खडसे को पुनः टिकट मिलने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मिलने दिल्ली गए थे। वहां उनकी मुलाकात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं महासचिव विनोद तावड़े से हुई थी। उस समय चर्चाएं चली थीं कि खडसे राकांपा छोड़कर पुनः भाजपा में आ सकते हैं। लेकिन आजतक ऐसा हो नहीं सका। चूंकि खडसे ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा माने जाते हैं और मराठा आरक्षण को लेकर मराठा आंदोलनकर्ता मनोज जरांगे पाटिल इन दिनों देवेंद्र फडणवीस पर तीखे वार कर रहे हैं। इसलिए भी माना जा रहा था कि भाजपा खडसे को अपने साथ लेकर कम से कम अन्य पिछड़ा वर्ग को तो संभालने का प्रयास करेगी। लेकिन खडसे की नाराजगी से भाजपा की इस उम्मीद पर भी पानी फिरता दिखाई दे रहा है।

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