बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में मुंबई पुलिस का बड़ा एक्शन, सभी 26 आरोपियों पर लगा MCOCA
एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (Baba Siddique) हत्या मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ मकोका (MCOCA) लगाया है। अब तक इस मामले में 26 लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है।क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अब तक कथित मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया है।

पीटीआई, मुंबई। एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (Baba Siddique) हत्या मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ मकोका (MCOCA) लगाया है। अब तक इस मामले में 26 लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है।
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अब तक कथित मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में सख्त मकोका के प्रावधान लागू किए गए हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मकोका के तहत पुलिस के सामने दिए गए बयान अदालत में सबूत के रूप में स्वीकार्य हैं। मकोका के तहत जमानत मिलना भी मुश्किल है।
Mumbai Police has invoked MCOCA (Maharashtra Control of Organised Crime Act) in the murder case of NCP leader Baba Siddique. So far 26 accused have been arrested in this case and 3 are wanted: Mumbai Police
— ANI (@ANI) November 30, 2024
12 अक्टूबर को की थी हत्या
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री 66 वर्षीय सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा पूर्व में उनके बेटे विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय भवन के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनके सीने पर दो गोलियां लगीं और उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया।
लॉरेंस बिश्नोई के भाई को भी किया था गिरफ्तार
जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल को सिद्दीकी की हत्या और अभिनेता सलमान खान के मुंबई स्थित घर के बाहर गोलीबारी में कथित भूमिका के लिए अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। संदिग्ध मुख्य साजिशकर्ता शुभम लोनकर और जिशान मोहम्मद अख्तर अभी भी फरार हैं।
क्या है मकोका कानून?
महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था। इस कानून का मुख्य उद्देश्य संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध को खत्म करना था। इसके बाद 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया। फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली में यह कानून लागू है। इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, जबरन वसूली, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे लूटे जाते है, मामले शामिल है।
मकोका के तहत आरोपी की पुलिस रिमांड 30 दिन तक हो सकती है, जबकि IPC के तहत यह अधिकतम 15 दिन होती है।
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