Mumbai Pollution: मुंबई में वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर रहे पर्यावरणविद, हाई कोर्ट को सौंपने की तैयारी
देश की राजधानी दिल्ली के बाद अब वित्तीय राजधानी मुंबई में भी सांस लेना दूभर हो गया है। खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स की वजह से मुंबई हांफ रही है। जबकि महाराष्ट्र सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सर्कुलर और निर्देश जारी किए हैं। दिशानिर्देश जारी करने के बावजूद भी ज्यादातर लोग इन प्रतिबंधों का पालन नहीं कर रहे हैं।

रंजीत जाधव, मिड डे, मुंबई। देश की राजधानी दिल्ली के बाद अब वित्तीय राजधानी मुंबई में भी सांस लेना दूभर हो गया है। खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स की वजह से मुंबई हांफ रही है। जबकि, महाराष्ट्र सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सर्कुलर और निर्देश जारी किए हैं। दिशानिर्देश जारी करने के बावजूद भी ज्यादातर लोग इन प्रतिबंधों का पालन नहीं कर रहे हैं।
शहर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पर्यावरणविद स्टालिन डी, मुंबई और मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (MMR) में निर्माण कार्यों में लापरवाही के कारण होने वाले उल्लंघनों पर डेटा इकट्ठा कर रहे हैं। स्टालिन इस डेटा को आने वाले समय में बॉम्बे हाई कोर्ट को सौपेंगे।
हम कोर्ट के समक्ष सबूत पेश करेंगे- स्टालिन डी
वनशक्ति एनजीओ के पर्यावरणविद स्टालिन डी ने कहा, "हम मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में लापरवाही से निर्माण गतिविधियों में हो रहे उल्लंघन के पैमाने को दिखाना चाहते हैं। नागरिक सबसे अच्छे प्रहरी होत हैं, जो इन उल्लंघनों को देख सकते हैं। हाई कार्ट ने अब पुलिस विभाग को भी इसमें शामिल कर लिया है, जिससे प्रदूषण के इस खतरे से निपटना आसान हो जाएगा। हम कोर्ट के समक्ष सबूत पेश करेंगे और एमएमआर की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कठोर निर्णय लेने में कोर्ट की मदद करेंगे।"
स्टालिन डी ने सोशल मीडिया पर मैसेज पोस्ट किया
बता दें कि स्टालिन डी ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक मैसेज भी पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने मुंबई और मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में रहने वाले लोगों से उन गतिविधियों की तस्वीरें लेने की अपील की है जो वायु प्रदूषण को बढ़ा रही हैं।
लोगों से फोटो लेकर पोस्ट करने की अपील की
स्टालिन डी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, "मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में रहने वाले प्रिय दोस्तों, कृपया जीपीएस टैगिंग का इस्तेमाल करें और बिना ढके निर्माण सामग्री ले जाने वाले डंपरों की तस्वीरें लें और उन साइटों की भी तस्वीरें लें जो धूल प्रदूषण का कारण बनती हैं। उन्हें यहां पोस्ट करें।"
जीपीएस टैग वाली तस्वीरें लें और मेरे साथ शेयर करें- स्टालिन
स्टालिन ने अपने अपील में कहा है कि उन्हें मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में वायु प्रदूषण के मुद्दे से निपटने में बॉम्बे हाई कोर्ट की मदद के लिए ज्यादा से ज्यादा जीवंत उदाहरणों की जरूरत है। स्टालिन ने आगे लिखा है, "मुंबई, ठाणे, पनवेल, कल्याण, बदलापुर, वसई आदि क्षेत्रों से अगले चार दिनों में डेटा इकट्ठा किया जाना है। जहां भी आप बिना ढके ट्रक देखें या ऐसी कोई साइट देखें जो वायु प्रदूषण फैला रही हो, कृपया जीपीएस टैग वाली तस्वीरें लें और मेरे साथ शेयर करें।"
स्टालिन डी ने मिड डे को जानकारी देते हुए बताया कि अब तक छह लोगों ने वायु प्रदूषण के बारे में डिटेल शेयर किया है। यह उल्लंघन सरकार के दिशानिर्देशों और सर्कुलर जारी करने के बाद भी हो रहे थे। वहीं, नवी मुंबई में रहने वाले एक पर्यावरण प्रेमी ने यहां तक आरोप लगाया कि नवी मुंबई में हर जगह केवल निर्माण गतिविधि, धूल और प्रदूषण है।

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