Money Laundering Case: संजय राउत की जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर जवाब तलब
Money Laundering Case बांबे हाई कोर्ट ने मनी लांड्रिंग के मामले में शिवसेना नेता संजय राउत के खिलाफ ईडी की याचिका पर जवाब देने को कहा है। स्पेशल कोर्ट ने गत बुधवार को संजय राउत को जमानत दी थी।

मुंबई, एजेंसी। Money Laundering Case: बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने शुक्रवार को मनी लांड्रिंग के मामले (Money Laundering Case) में शिवसेना (Shivsena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के खिलाफ प्रर्वतन निदेशालय (ED) की याचिका पर जवाब देने को कहा है। स्पेशल कोर्ट ने गत बुधवार को संजय राउत को जमानत दी थी।
मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को
प्रेट्र के मुताबिक, न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने ईडी को अपने आवेदन में संशोधन करने की भी अनुमति दी, क्योंकि संजय राउत को जमानत देने वाला विशेष अदालत का आदेश आवेदन दाखिल करने के समय उपलब्ध नहीं था। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। ईडी ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत के अलावा सह आरोपित प्रवीण राउत को मिली जमानत को भी चुनौती दी है।
हलफनामा दाखिल करेंगे संजय राउत
अदालत ने कहा कि आवेदनों में 14 नवंबर तक संशोधन किया जाएगा। प्रतिवादी (संजय राउत और प्रवीण राउत) एक सप्ताह बाद अपना जवाब हलफनामा दाखिल करेंगे। मामले की सुनवाई 25 नवंबर को होगी। ईडी की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने 21 नवंबर को इस मामले को रखने की मांग की। सिंह ने तर्क दिया कि विशेष अदालत ने कुछ अनावश्यक टिप्पणी की है। हम इससे बहुत प्रभावित हैं। न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा कि हर आदेश में कुछ ऐसी टिप्पणियां की जाती हैं, जिनका असर होता है। अगर एक या दो दिन बाद इस पर (याचिका पर) सुनवाई हुई तो कुछ नहीं होगा। विशेष अदालत द्वारा संजय राउत और प्रवीण राउत को जमानत दिए जाने के तुरंत बाद ईडी ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर उनकी जमानत रद करने की मांग की थी।
ईडी ने यह भी कहा
ईडी ने हाईकोर्ट से जमानत आदेश पर तत्काल अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी। न्यायमूर्ति डांगरे ने सभी पक्षों को सुने बिना आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। संजय राउत को उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चाल के पुनर्विकास से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने के सौ दिन बाद विशेष पीएमएलए न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने जमानत दी थी। जमानत की सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वह मध्य मुंबई की आर्थर रोड जेल से बाहर आए। विशेष अदालत ने अपने आदेश में राज्यसभा सदस्य की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया था। ईडी ने अपने आवेदन में कहा कि विशेष अदालत का आदेश कानून की दृष्टि से खराब है और इसे रद किया जाना चाहिए।
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