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    'आप पतली, स्मार्ट और गोरी हैं', महिला को ऐसे मैसेज भेजना अश्लीलता; कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

    Updated: Fri, 21 Feb 2025 01:06 PM (IST)

    ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले आरोपी को सत्र न्यायालय से राहत नहीं मिली है। अदालत ने उसकी तीन महीने की सजा को बरकरार रखा है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया है कि आरोपी ने ही महिला को फोटो और मैसेज भेजे थे। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मैसेज महिला की गरिमा का अपमान करने के समान हैं।

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    दिंडोशी के सत्र न्यायालय का अहम फैसला। ( सांकेतिक फोटो )

    पीटीआई, मुबंई। महाराष्ट्र के दिंडोशी के सत्र न्यायालय ने एक अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि को किसी अनजान महिला को आप पतली हैं, बेहद स्मार्ट और गोरी दिखती हैं... मैं आपको पसंद करता हूं। इस तरह के मैसेज भेजना अश्लीलता के समान है। न्यायाधीश ने कहा कि ये संदेश महिला की गरिमा का अपमान है।

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    अदालत ने सजा रखी बरकरार

    दिंडोशी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीजी ढोबले ने आरोपी की सजा को बरकरार रखा। अदालत ने 18 फरवरी के आदेश में कहा गया कि अश्लीलता का मूल्यांकन समकालीन सामुदायिक मानकों को लागू करने वाले औसत व्यक्ति के नजरिए से किया जाना चाहिए। आरोपी व्यक्ति पर एक पूर्व पार्षद को व्हाट्सएप पर अश्लील संदेश भेजने का आरोप लगा था।

    मैसेज में आरोपी ने क्या लिखा?

    अदालत ने पाया कि शिकायतकर्ता को रात 11 बजे से 12:30 बजे के बीच व्हाट्सएप पर तस्वीरें और संदेश भेजे गए थे। संदेश में लिखा था, “आप पतली हैं, बहुत स्मार्ट दिखती हैं, आप गोरी हैं... मेरी उम्र 40 साल है, आप क्या शादीशुदा हैं या नहीं? मैं आपको पसंद करता हूं”।

    ऐसे संदेश कोई बर्दाश्त नहीं करेगा

    अदालत ने कहा कि कोई भी विवाहित महिला या उसका पति ऐसे व्हाट्सएप संदेशों और अश्लील तस्वीरों को बर्दाश्त नहीं करेगा। खासकर तब जब भेजने वाला और शिकायतकर्ता एक-दूसरे को नहीं जानते हों। अदालत ने कहा कि आरोपी ने ऐसा कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं लाया, जिससे उनके बीच कोई संबंध साबित हो सके।

    मजिस्ट्रेट की अदालत से हो चुकी सजा

    अदालत ने कहा कि यह संदेश और कृत्य महिला की गरिमा का अपमान करने के समान है। बता दें कि आरोपी को 2022 में मजिस्ट्रेट अदालत ने दोषी ठहराया था। उसे तीन महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि बाद में उसने फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती दी।

    कोर्ट ने दलीलों को किया खारिज

    अदालत में आरोपी ने दावा किया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से मामले में झूठा फंसाया गया है। हालांकि अदालत ने उसकी दलील को खारिज कर दिया और कहा कि यह किसी भी सबूत से साबित हो रहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई भी महिला किसी आरोपी को झूठे मामले में फंसाकर अपनी गरिमा को दांव पर नहीं लगाएगी।

    ट्रायल कोर्ट का फैसला सही

    कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया है कि आरोपी ने महिला को अश्लील व्हाट्सएप संदेश और तस्वीरें भेजी थीं। ट्रायल कोर्ट (मजिस्ट्रेट) का फैसला सही है।

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