Maharashtra: सोलापुर में बनेगा मेगा सौर ऊर्जा पार्क, हाई टेक्नोलॉजी का होगा उपयोग
सोलापुर जिले में 4200 एकड़ में 1.2 गीगावाट क्षमता का एक मेगा सौर ऊर्जा पार्क बनाया जा रहा है। इस पार्क का विकास यूनाइटेड किंगडम की एक अग्रणी बहुराष्ट् ...और पढ़ें

जेएनएन, मुंबई। महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में 4,200 एकड़ में 1.2 गीगावाट क्षमता का एक मेगा सौर ऊर्जा पार्क बनाया जा रहा है। हजूर मल्टी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (एचएमपीएल) महाराष्ट्र का पहला सौर पार्क विकसित करके हरित ऊर्जा क्रांति की अगुवाई कर रही है, जिसका नाम छत्रपति शिवाजी महाराज सौर ऊर्जा पार्क (सीएसएमएसयूपी) रखा गया है।
इस पार्क का विकास यूनाइटेड किंगडम की एक अग्रणी बहुराष्ट्रीय कंपनी के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक सौर पैनल की क्षमता 750 वाट और विश्व स्तरीय दक्षता स्तर की होगी। इसमें स्थिर और ट्रैकिंग दोनों प्रकार के सौर पैनल लगाए गए हैं, जिनमें ट्रैकिंग सिस्टम पूरे दिन सूर्य की गति का अनुसरण करके दक्षता बढ़ाते हैं।
सीएसएमएसयूपी ऊर्जा के क्षेत्र में निभाएगा बड़ी भूमिका
सीएसएमएसयूपी भारत के अक्षय ऊर्जा संक्रमण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे देश को अपने महत्वाकांक्षी हरित ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी और साथ ही इससे देश के कार्बन फुटप्रिंट को भी काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
महाराष्ट्र सरकार के इस विभाग से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि इस सौर ऊर्जा पार्क में अक्षय ऊर्जा निवेश न केवल पर्यावरण के लिए सही है, बल्कि सोलापुर क्षेत्र में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में भी योगदान देगा। जबकि एचएमपीएल के निदेशक रॉबर्ट मोसेस का कहना है कि सोलापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज सौर ऊर्जा पार्क का विकास भारत में एचएमपीएल की विकास कहानी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
अन्य राज्यों में भी शुरू होंगी ये सेवाएं
यह भारत को अक्षय ऊर्जा व्यवसाय में अग्रणी खिलाड़ी बनाने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। एचएमपीएल जल्द ही अन्य भारतीय राज्यों में भी इस प्रकार की नई सुविधाएँ शुरू कर अपनी अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही है।
हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भारत बढ़ रहा आगे
बता दें कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की प्रगति अन्य विकासशील देशों के लिए एक सशक्त उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। जोकि यह दर्शाती है कि किस प्रकार सतत विकास मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के साथ सह-अस्तित्व में रह सकता है। यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत की प्रतिबद्धता भी दर्शाती है।
बता दें कि सीएसएमएसयूपी के अलावा, एचएमपीएल अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ मिलकर दो राज्यों में सौर हाइब्रिड परियोजनाओं की योजना भी बना रहा है। इनमें महाराष्ट्र में 1,200 मेगावाट और आंध्र प्रदेश में 500 मेगावाट की परियोजनाएं शामिल हैं।
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