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    महाराष्ट्र के सभी सरकारी दफ्तरों में अनिवार्य हुई मराठी भाषा, फडणवीस सरकार का बड़ा फैसला

    Updated: Mon, 03 Feb 2025 09:26 PM (IST)

    महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए बड़ा एलान किया है। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर सभी सरकारी कार्यालयों में मराठी भाषा को अनिवार्य कर दिया है। इस आदेश के सभी को मानना होगा। नए नियम के अनुसार सभी सरकारी कर्माचारियों को मराठी भाषा में अपना काम करना होगा और लोगों से भी मराठी में बात करना होगा।

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    महाराष्ट्र के सभी सरकारी दफ्तरों में अनिवार्य हुई मराठी भाषा। (फोटो- पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब से सभी सरकारी, अर्ध- सरकारी और नगर निगम कार्यालयों में मराठी भाषा को अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार ने ये फैसला मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए लिया है।

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    समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी कार्यालयों में मराठी भाषा के उपयोग के बारे में एक सरकारी संकल्प जारी किया है।

    सरकारी दफ्तरों में मराठी भाषा अनिवार्य

    इस आदेश में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार के अधीन सरकारी कार्यालयों, अर्ध-सरकारी कार्यालयों, निगमों और अन्य सरकारी-संबंधित कार्यालयों में सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने कार्यालयों में भारत के बाहर और अन्य गैर-मराठी भाषी राज्यों से आने वाले आगंतुकों को छोड़कर सभी आगंतुकों के साथ मराठी भाषा का उपयोग करें।

    बता दें कि नए आदेश के अनुसार सभी सरकारी कार्यालयों में मराठी में बोलने और काम करने के लिए साइनबोर्ड भी लगाए जाएंगे। इसके साथ ही सरकारी कंप्यूटरों में भी मराठी भाषा का कीबोर्ड अनिवार्य होने जा रहा है।

    नहीं मानने पर होगी कार्रवाई

    यह भी कहा गया है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी इस नियम का उल्लंघन करता है, तो आवश्यक कार्रवाई के लिए कार्यालय या विभाग के प्रभारी के पास औपचारिक शिकायत दर्ज की जा सकती है। इसे आधिकारिक अनुशासनहीनता का कार्य मानते हुए और यदि शिकायतकर्ता उल्लंघनकर्ता के खिलाफ की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, तो शिकायतकर्ता महाराष्ट्र विधानमंडल की मराठी भाषा समिति के समक्ष इस बारे में अपील कर सकता है।