Maratha Reservation: थमने का नाम नहीं ले रही मराठा आरक्षण की चिंगारी, अब ग्राम पंचायत सदस्य ने की आत्महत्या
मृतक महेश कदम के परिवार ने दावा किया कि उन्होंने मराठी और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की थी। उनके पास बी.एड और डी.एड की डिग्री भी थी लेकिन अपनी योग्यता के मुताबिक मौके नहीं मिलने से वोल दुखी थे।

पीटीआई, लातूर। महाराष्ट्र के लातूर में शनिवार को 26 वर्षीय एक ग्राम पंचायत सदस्य ने सूखे की समस्या और साथ-साथ मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। एक पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अहमदपुर तहसील के ढालेगांव के निवासी महेश कदम ने दोपहर करीब 12:30 बजे जहर खा लिया और अंधोरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अधिकारी ने कहा, अपने सुसाइड नोट में महेश कदम ने लिखा कि लगातार सूखे और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की कमी के कारण शिक्षा के लिए फीस का भुगतान करना भी मुश्किल हो गया है।
अवसर न मिलने से दुखी थे
उनके परिवार ने दावा किया कि उन्होंने मराठी और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की थी। उनके पास बी.एड और डी.एड की डिग्री भी थी लेकिन अपनी योग्यता के मुताबिक मौके नहीं मिलने से वो दुखी थे। किंगांव पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा कि दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और आगे की जांच जारी है।
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