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    महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग पर आर-पार की लड़ाई? जरांगे पाटिल ने सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

    Updated: Fri, 26 Jan 2024 10:19 PM (IST)

    मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विरोध मार्च करते हुए मुंबई सीमा तक आ पहुंचे मनोज जरांगे पाटिल ने अपनी मांगों पर अधिसूचना जारी करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को 24 घंटे का समय दिया है। जिसमें मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में दायर सुधारात्मक याचिका का फैसला आने तक सरकारी भर्तियों पर तत्काल रोक की मांग भी शामिल है। फिलहाल जरांगे पाटिल नई मुंबई में डेरा डाले हुए हैं।

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    मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे पाटिल। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विरोध मार्च करते हुए मुंबई सीमा तक आ पहुंचे मनोज जरांगे पाटिल ने अपनी मांगों पर अधिसूचना जारी करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को 24 घंटे का समय दिया है। जिसमें मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में दायर सुधारात्मक याचिका का फैसला आने तक सरकारी भर्तियों पर तत्काल रोक की मांग भी शामिल है। फिलहाल, जरांगे पाटिल नई मुंबई में डेरा डाले हुए हैं।

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    महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम

    उन्होंने सरकार से रात भर काम करने और शनिवार दोपहर 12 बजे तक समाधान के साथ सामने आने को कहा है। अन्यथा वह मुंबई के आजाद मैदान की ओर कूच करेंगे। उनके सैकड़ों कार्यकर्ता आज भी नई मुंबई के स्टेशनों से लोकल ट्रेन पकड़कर मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पहुंच गए, जिसके कारण वहां जाम की स्थिति पैदा हो गई।

    यह भी पढ़ेंः पुलिस की मनाही... फिर भी भूख हड़ताल पर अड़े मनोज जरांगे, हजारों कार्यकर्ताओं संग मुंबई के बाहरी इलाके में पहुंचे

    जरांगे पाटिल ने एपीएमसी मार्केट में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक जांच के दौरान 54 लाख कुनबी-मराठा और मराठा-कुनबी रिकॉर्ड पाए गए हैं। सरकार का कहना है कि 37 लाख प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। सरकार को हमें अब तक जारी प्रमाणपत्रों का विवरण देना चाहिए और सरकार की सुधारात्मक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक सरकारी भर्तियों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए या फिर मराठों के लिए रिक्तियां रखकर ही भर्तियां की जानी चाहिए।

    मराठा समाज को आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल ने 29 अगस्त से 14 सितंबर, 2023 तक अपनी पहली भूख हड़ताल की थी। मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठों को मराठा-कुनबी और कुनबी-मराठा जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग का आश्वासन देने के बाद उन्होंने अपना अनशन तोड़ दिया था। 25 अक्टूबर से जरांगे पाटिल ने पुन: भूख हड़ताल शुरू की थी। नौ दिनों के बाद दो नवंबर को आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अनशन समाप्त कर दिया था। अब आंदोलन के तीसरे चरण में जरांगे पाटिल 20 जनवरी को जालना स्थित अपने गांव अंतरवली सराटी से मार्च निकालते हुए 25 जनवरी को नई मुंबई पहुंचे हैं।

    राज्यपाल ने मराठा आरक्षण के लिए शिंदे सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की

    गणतंत्र दिवस पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। राज्यपाल का यह बयान ऐसे समय आया है जब मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण की मांग को लेकर बड़ा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

    अपने गणतंत्र दिवस के संबोधन में राज्यपाल रमेश बैस ने मराठा आरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कामों की जानकारी देते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा, शिवसेना और राकांपा की महायुति सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर न्यायमूर्ति संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।

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