Maharashtra: 'मतभेद का स्वागत है लेकिन...': असली शिवसेना के फैसले पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ( Maharashtra Speaker Rahul Narwekar ) ने शनिवार को 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में कहा ...और पढ़ें

पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर अयोग्यता याचिकाओं पर अपने हालिया फैसले पर शिवसेना (यूबीटी) की कड़ी आलोचना का सामना कर रहे है।
शनिवार को 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में नार्वेकर ने कहा कि विधायिका के पीठासीन अधिकारी का 'मुख्य दायित्व' निर्वाचित प्रतिनिधियों को स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति देते समय निष्पक्ष और दलगत राजनीति से ऊपर रहना है। नार्वेकर ने यह भी कहा कि संवैधानिक कार्यालयों को राजनीतिक झगड़े में नहीं घसीटा जाना चाहिए।
अपने विचार व्यक्त करने की दी जाए अनुमति
नार्वेकर ने कहा कि 'हम सभी राजनीतिक प्रक्रिया में हितधारक हैं लेकिन (एक ही समय में) बोलने के तरीके से इससे अलग हैं। एक पीठासीन अधिकारी का मुख्य दायित्व निर्वाचित प्रतिनिधियों को स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति देते समय निष्पक्ष, दलगत राजनीति से ऊपर रहना है।'
इस फैसले के बाद से हो रही नार्वेकर की आलोचना
हाल ही में, लोगों द्वारा पीठासीन अधिकारियों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले सामने आए हैं। इस पर उन्होंने कहा, 'मैं किसी भी मतभेद का स्वागत करता हूं, लेकिन महसूस करता हूं कि इसे सम्मानजनक तरीके और भाषा में व्यक्त किया जाना चाहिए।'
बता दें कि नार्वेकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'असली' शिव सेना के रूप में मान्यता देने का फैसला सुनाया था जिसके बाद से उन्हें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना (यूबीटी) से गंभीर हमले का सामना करना पड़ा। शिवसेना (यूबीटी) ने नार्वेकर पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया है।

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