Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Maharashtra: चुनाव से पहले शिंदे सरकार का बड़ा एलान, सरपंचों और उपसरपंचों का मानधन दोगुना किया

    Updated: Mon, 23 Sep 2024 08:15 PM (IST)

    Maharashtra महाराष्ट्र की शिंदे सरकार राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले सभी वर्गों को लुभाने में लगी हुई है। राज्य सरकार ने हाल ही में अपनी महात्वाकांक्षी मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना की शुरूआत की थी। इसी कड़ी में सरकार ने एक और बड़ा फैसला करते हुए ग्रामीण जनप्रतिनिधियों के मानधन को दोगुना करने का एलान किया है। जानें अब किसे कितना मिलेगा मानधन।

    Hero Image
    सरपंचो और उपसरपंचों का मानधन किया गया दोगुना। (File Image)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने सरपंचों एवं उपसरपंचों का मानधन दोगुना करके विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी के लिए एक और चुनौती पेश कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उम्मीद की जा रही है कि अगले 15 दिनों महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी। इस घोषणा से ठीक पहले सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरपंचों एवं उपसरपंचों के मानधन बढ़ाने का फैसला किया गया है।

    अब कितना हुआ मानधन?

    फैसले के अनुसार जिन ग्राम पंचायतों की संख्या 2000 तक है, उनके सरपंचों का मानधन 3000 रुपए से बढ़ाकर 6000 रुपए तथा उपसरपंचों का मानधन 1000 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए कर दिया गया है। इसी प्रकार जिन ग्राम पंचायतों की जनसंख्या 2000 से 8000 के बीच है, उनके सरपंचों का मानधन 4000 रुपए से 8000 रुपए तथा उपसरपंचों का मानधन 1500 रुपए से 3000 रुपए किया गया है।

    इसके अलावा जिन ग्राम पंचायतों की जनसंख्या 8000 रुपए से ज्यादा है, उनके सरपंचों का मानधन 5000 रुपए से बढ़ाकर 10000 रुपए तथा उपसरपंचों का मानधन 2000 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए करने का निर्णय किया गया है। मानधन में हुई इस बढ़ोतरी के कारण राज्य सरकार को 116 करोड़ रुपए अधिक खर्च करने पड़ेंगे।

    लंबे समय से की जा रही थी मांग

    बता दें कि ग्राम पंचायतों के सरपंचों की तरफ से मानधन बढ़ाए जाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की मांग लंबे समय से की जा रही थी। अखिल भारतीय सरपंच परिषद का आरोप था कि सरकार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के विकास में भेदभाव कर रही है। गांवों की अनदेखी की जा रही है।

    अब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सरपंचों एवं उपसरपंचों के मानधन दोगुने कर सरकार ने ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की नाराजगी दूर करने का संकेत दिया है। इसके अलावा सरकार के इस कदम को मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना की तरह ही बड़े पैमाने पर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को लुभाने वाली योजना के रूप में भी देखा जा रहा है।