Maharashtra Politics: सुप्रीम कोर्ट के ताजा संकेत से उद्धव ठाकरे गुट की उम्मीदों पर पानी, निर्बाध चलती रहेगी शिंदे गुट की सरकार
सत्ता हाथ से जाने के बाद जमीनी राजनीति में भी शिवसेना के लिए मुश्किलें ही खड़ी हो रही हैं। सांसदों का रुख भी बहुत अनुकूल नहीं है। कुछ ही महीनों में 92 ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, मुंबई। शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट मान कर चल रहा था कि 11 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय का फैसला उनकी याचिकाओं के पक्ष में आएगा और शिंदे सरकार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए एक पृथक पीठ के गठन का संकेत देकर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय के इस संकेत के बाद स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा में भले उद्धव गुट को कोई नुकसान न पहुंचे, लेकिन शिंदे गुट की सरकार भी निर्बाध चलती रहेगी। चूंकि सर्वोच्च न्यायालय को कुल सात याचिकाओं पर फैसला करना है, इसलिए सुनवाई करनेवाली पीठ को इसमें समय लग सकता है। अब तक कई राज्यों के ऐसे मामलों में देखा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय विधानमंडल के कार्यों में हस्तक्षेप कम ही करता है। इसलिए अधिक समय लेने के बाद भी फैसला शिवसेना के अनुकूल ही आएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
सत्ता हाथ से जाने के बाद जमीनी राजनीति में भी शिवसेना के लिए मुश्किलें ही खड़ी हो रही हैं। सांसदों का रुख भी बहुत अनुकूल नहीं है। कुछ ही महीनों में 92 नगर परिषदों के चुनाव घोषित हो चुके हैं। 14 महानगरपालिकों के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ मिलकर शिवसेना को तगड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
महाराष्ट्र की सत्ता उद्धव ठाकरे के हाथ से जाने के बाद से ही अफवाहों का बाजार गर्म है कि अब शिवसेना के ज्यादातर सांसद भी उद्धव का साथ छोड़ शिंदे गुट में जा सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से कुछ सांसद उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर किसी न किसी बहाने महाविकास आघाड़ी से अलग होने और भाजपा के साथ आने की मांग भी कर रहे हैं।

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