Maharashtra Election: 'ये नेता खुद बड़े घरों में रहते हैं', धारावी प्रोजेक्ट पर भिड़े एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे
Maharashtra Election महाराष्ट्र में धारावी प्रोजेक्ट का मुद्दा चुनावी सरगर्मी बढ़ा रहा है। उद्धव ठाकरे द्वारा सत्ता में आने पर प्रोजेक्ट रद्द करने का एलान करने के बाद यह चर्चा के केंद्र में आ गया है। उद्धव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि जो लोग खुद बड़े-बड़े घरों में रहते हैं वह लोगों को गंदगी में ही रहते हुए देखना चाहते हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व और मौजूदा मुख्यमंत्री मुंबई के धारावी प्रोजेक्ट को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। उद्धव ठाकरे के प्रोजेक्ट को रद्द करने के चुनावी वादे पर पलटवार करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाविकास अघाड़ी को प्रोजेक्ट रोकने के अलावा आता भी क्या है।
गौरतलब है कि पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने घोषणा की थी कि अगर महाविकास अघाड़ी की सरकार सत्ता में आती है तो वह मुंबई का धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट रद्द कर देंगे। इस पर एकनाथ शिंदे ने उद्धव और मविआ पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उन्हें परियोजनाओं पर रोक लगाने और बंद कराने के अलावा भी कुछ आता है।
गंदगी में रहते हैं लोग: शिंदे
सीएम शिंदे ने कहा कि धारावी में 1-2 लाख लोग खराब स्थिति में रहते हैं। लोग गंदगी में रहते हैं, जबकि ये नेता खुद बड़े घरों और बंगलों में रहते हैं। एकनाथ शिंदे का कहना है कि उनकी सरकार ने धारावी में सभी को घर देने का ऐलान किया है। एक घर की कीमत कम से कम एक करोड़ रुपए होगी तो 2 लाख करोड़ रुपए के घर वहां पर बनेंगे।
भाजपा ने भी उद्धव को घेरा
इस मुद्दे पर भाजपा ने भी उद्धव ठाकरे को घेरा है। मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने गुरुवार को कहा कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना को रद करने के अपने चुनावी वादे के साथ मुंबई में विकास से जुड़ी योजनाओं का विरोध कर रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी करने वाली शिवसेना (यूबीटी) ने कहा है कि यदि वह सत्ता में आई तो धारावी परियोजना को रद कर देगी। भाजपा नेता ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे की हरकतें धारावी के लोगों को बेहतर आवास प्रदान करने के उद्देश्य को कमजोर कर रही हैं।
भाजपा ने प्रोजेक्ट को शहर के विकास के लिए बताया आवश्यक
शेलार ने संवाददाताओं से कहा कि उद्धव गरीबों को अच्छे घर मिलने से नाखुश हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुनर्विकास के लिए दोबारा टेंडर जारी कर ठाकरे 37 एकड़ जमीन हड़पना चाहते थे। धारावी परियोजना का सफलतापूर्वक पूरा होना शहर के विकास के लिए आवश्यक है।
शेलार ने महाविकास आघाड़ी के सहयोगियों शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) द्वारा जारी संयुक्त घोषणापत्र में धारावी मुद्दे का जिक्र न होने पर भी सवाल उठाया। कहा कि यदि धारावी पुनर्विकास इतना महत्वपूर्ण मुद्दा है तो उनके संयुक्त एजेंडे में इसका उल्लेख क्यों नहीं है। जब उद्धव मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार ने जरूरत पड़ने पर पुनर्विकास करने वाली कंपनी को अतिरिक्त जमीन देने का प्रविधान किया था।
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