महाराष्ट्र में जिला प्रभारी मंत्रियों की नई सूची जारी, डिप्टी सीएम अजित पवार को गृह जिले पुणे का मिला जिम्मा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) को पुणे का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कुल 12 जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों की संशोधित सूची जारी की। इनमें सबसे अधिक एनसीपी गुट के मंत्रियों को शामिल किया गया है। एनसीपी गुट के कुल नौ में से सात मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) को पुणे का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया। कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल के स्थान पर अजित पवार को उनके गृह जिले (पुणे) का प्रभारी मंत्री बनाया गया है।
सबसे अधिक एनसीपी गुट के मंत्री
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कुल 12 जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों की संशोधित सूची जारी की। इनमें सबसे अधिक एनसीपी गुट के मंत्रियों को शामिल किया गया है। एनसीपी गुट के कुल नौ में से सात मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रभारी मंत्री नियुक्ति में क्यों हुई देरी?
प्रभारी मंत्रियों की संशोधित सूची के अनुसार, चंद्रकांत पाटिल को सोलापुर और अमरावती जिलों का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। मालूम हो कि इस वर्ष जुलाई में अजित पवार अपने गुट के विधायकों के साथ सरकार में शामिल हो गए थे, जिस वजह से विभिन्न जिलों के लिए प्रभारी मंत्री नियुक्त करने में देरी हुई।
एनसीपी से इन्हें मिली जिम्मेदारी
एनसीपी कोटा के मंत्री दिलीप वाल्से को बुलढाणा, हसन मुश्रीफ को कोल्हापुर और धनंजय मुंडे को बीड जिले का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही संजय बंदसोडे को परभाणी, धर्मराव बाबा अत्राम को गोंदिया और अनिल पाटिल को नंदुबार जिलों में प्रभारी मंत्री बनाया गया है।
भाजपा से किन्हें किया गया शामिल?
इधर, भाजपा खेमे से सुधीर मुनगंटीवार को वर्धा, विजय कुमार गावित को भंडारा और राधाकृष्ण विखे पाटिल कतो अकोला जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस वर्धा, अकोला, भंडारा और अमरावती जिलों के प्रभारी मंत्री थे। वहीं, जब अजित पवार सरकार में शामिल हुए थे, तब उन्हें वित्त विभाग मिला था।
प्रभारी मंत्री नियुक्ति का काम जिलों के विकास में अधिक भूमिका निभाना होता है। जिले से संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना होता है।
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