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    'भाषा को लेकर गुंडई करने वाले सुन लें...' तो क्या MNS कार्यकर्ताओं पर होगी कार्रवाई? पढ़ें CM फडणवीस ने क्या कहा

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 08:07 PM (IST)

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा का आग्रह स्वाभाविक है लेकिन भाषा को लेकर विवाद या मारपीट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जेएनयू में मराठी शोध केंद्र के उद्घाटन पर उन्होंने कहा कि मराठी देश की प्राचीन भाषा है और भाषा संवाद का माध्यम है विवाद का नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि मराठी के साथ अन्य भारतीय भाषाओं का सम्मान करना चाहिए।

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    भाषा को लेकर मारपीट करनेवालों पर कड़ी कार्रवाई होगी - फडणवीस।(फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा का आग्रह होना स्वाभाविक है। लेकिन भाषा को लेकर विवाद होना, किसी के साथ मारपीट करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसी घटनाओं पर हमने पहले भी कड़ी कार्रवाई की है।

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    आगे भी कोई ऐसी घटना करने का प्रयास करेगा, तो हम कार्रवाई करेंगे। फडणवीस ने यह बात आज दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कही।

    मुख्यमंत्री फडणवीस गुरुवार को जेएनयू के मराठी भाषा विभाग में कवि कुसुमाग्रज मराठी शोध केंद्र का उद्घाटन एवं छत्रपति शिवाजी महाराज सामरिक एवं संरक्षण शोध केंद्र का शिलान्यास करने पहुंचे थे।

    इस अवसर पर बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि मराठी भाषा को सांस्कृतिक भाषा का दर्जा प्राप्त होने के बाद देश की राजधानी में स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में मराठी शोध केंद्र की शुरुआत होना गर्व की बात है। मराठी देश की अति प्राचीन भाषा है।

    भाषा संवाद का माध्यम है: सीएम फडणवीस 

    देश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी ऐसे शोध केंद्र शुरू होने चाहिए। लेकिन भाषा संवाद का माध्यम है। इसे विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए। मातृभाषा पर सभी को अभिमान होना चाहिए। इसलिए महाराष्ट्र के लोगों का मराठी पर अभिमान करना भी स्वाभाविक है। लेकिन इसके साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं पर भी अभिमान होना चाहिए।

    फडणवीस ने हिंदी का नाम न लेते हुए कहा कि जब हम किसी भारतीय भाषा का तिरस्कार करते हैं, और उसके स्थान पर सिर्फ अंग्रेजी को बढ़ावा देने की बात करते हैं, तो दुख होता है। हमारा विवाद मराठी-हिंदी का बिल्कुल नहीं है। लेकिन हमारा मानना है कि मराठी के साथ-साथ हमें अन्य भारतीय भाषाएं भी सीखनी चाहिएं।

    भाषा के नाम पर मारपीट बर्दाश्त नहीं की जाएंगी: सीएम

    फडणवीस ने इसी विषय पर बाद में पत्रकारों के सवालो का जवाब देते हुए कहा कि भाषा के नाम पर मारपीट बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। ऐसे करनेवालों पर हमने कड़ी कार्रवाई की है। आगे भी ऐसी कार्रवाई की जाएगी।

    बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना(यूबीटी) और मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी न बोल पाने पर मारपीट की घटनाओं के विरोध में आज जेएनयू में स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआई) ने देवेंद्र फडणवीस के विरोध में प्रदर्शन भी किया था।

    निशिकांत दुबे की टिप्पणी का सासंदों ने किया विरोध 

    इसके अलावा आज संसद भवन में महाराष्ट्र की महिला सांसदों वर्षा गायकवाड़, शोभा बच्छाव एवं प्रतिमा धानोरकर ने झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद डॉ.निशिकांत दुबे को घेरकर पिछले दिनों उनके द्वारा दिए गए एक बयान पर विरोध जताया। महिला सांसदों ने उनके सामने जय महाराष्ट्र का नारा लगाया। दुबे ने पिछले दिनों कहा था कि मुंबई में हिंदीभाषियों के साथ मारपीट करनेवाले इधर आएंगे, तो उन्हें पटक-पटक के मारेंगे।

    जेएनयू में आज छत्रपति शिवाजी महाराज सामरिक एवं संरक्षण शोध केंद्र का भी शिलान्यास करते हुए फडणवीस ने कहा कि हाल ही में यूनेस्को ने शिवाजी महाराज के 12 किलों को विश्व विरासत का दर्जा देकर उनके युद्धकौशल और रणनीति को मान्यता प्रदान कर दी है।

    ये किले शिवाजी महाराज के युद्ध कौशल, दूरदृष्टि एवं रणनीति कौशल का प्रतीक हैं। उनके समय में अंग्रेज और पुर्तगाली यहां आने से डरते थे। बाद में इसी मार्ग से आकर उन्होंने हमारे ऊपर आधिपत्य स्थापित किया। तो एक दृष्टा के रूप में जो सामरिक चिंतन छत्रपति शिवाजी महाराज करते थे, उसी का अध्ययन यहां पर होगा।

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