महाराष्ट्र विधानमंडल सत्र के दौरान विजिटर्स के प्रवेश पर लगी पाबंदी, विधानसभा अध्यक्ष ने क्यों लिया ये फैसला?
महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में विधायकों के समर्थकों के बीच झड़प के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सत्र के दौरान सामान्य आगंतुकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। अब सिर्फ मंत्री विधायक और अधिकारी ही प्रवेश कर सकेंगे। अध्यक्ष ने यह भी घोषणा की कि सदस्यों को अयोग्य घोषित करने के लिए एक आचार समिति का गठन एक सप्ताह में किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में दो विधायकों के समर्थकों के बीच झड़प के एक दिन बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधानमंडल सत्र के दौरान सामान्य आगंतुकों के विधानभवन परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब सिर्फ मंत्रियों, विधायकों, उनके निजी सचिवों और अधिकारियों को ही प्रवेश मिलेगा।
राज्य विधानमंडल के निचले सदन में यह घोषणा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सदस्यों को अयोग्यघोषित करने के लिए एक सशक्त आचार समिति का गठन एक सप्ताह के भीतर कर दिया जाएगा।
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) और भाजपा नेताओं के बीच हुई थी झड़प
गुरुवार को राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड और भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच महाराष्ट्र विधानभवन परिसर में मारपीट हो गई थी।
इससे एक दिन पहले दोनों विधायकों के बीच तीखी बहस भी हुई थी। नार्वेकर ने बताया कि यह घटना विधान भवन के भूतल पर शाम 5.45 बजे हुई। उन्होंने विधान भवन के मुख्य सुरक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान आगंतुकों को विधान भवन के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।
इस दौरान केवल मंत्रियों, विधायकों, उनके आधिकारिक तौर पर नियुक्त निजी सचिवों और सरकारी अधिकारियों को ही अनुमति दी जाएगी। सत्र के दौरान मंत्रियों को विधानमंडल परिसर में आधिकारिक बैठकें करने और आगंतुकों से मिलने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनीआधिकारिक ब्रीफिंग और बैठकें मंत्रालय, राज्य सचिवालय में ही करनी होंगी।
पडलकर और आह्वाड ने अपने आचरण पर खेद व्यक्त किया
नार्वेकर ने कहा कि विधायकों को उनके साथ आए लोगों के आचरण के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। दूसरी ओर पडलकर और आह्वाड दोनों ने अपने समर्थकों के बीच हुई हाथापाई पर सदन में खेद व्यक्त किया है।
नितिन देशमुख और सरजेराव को हिरासत में लिया गया
अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि नितिन देशमुख और सरजेराव (ऋषिकेश) टाकले, जो क्रमश: आह्वाड और पडलकर के सहयोगी हैं और गुरुवार को हुई हाथापाईं में शामिल थे, उन्हें राज्य विधानमंडल के सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया था।
विधानसभा अध्यक्ष के अनुसार उन पर सदन के विशेषाधिकार हनन का मामला चलेगा। उक्त दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके साथ छह-सात अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
अध्यक्ष ने बताया कि दोनों विधायकों के साथ बिना अधिकृत पास के विधानमंडल परिसर में घुसे थे। नार्वेकर ने कहा कि संबंधित विधायक अब अपने साथ आने वाले लोगों के आचरण के लिए जिम्मेदार होंगे। विधायिका के अंदर और बाहर शिष्टाचार बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है।
नार्वेकर ने संसद की तर्ज पर एक आचार समिति गठित करने की भी घोषणा की। आचार समिति को सदस्यों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार होता है। उन्होंने कहा कि विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के साथ परामर्श के बाद एक सप्ताह के भीतर आचार समिति का गठन किया जाएगा।
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