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    Maharashtra: डिप्टी सीएम की शपथ लेते ही अजित पवार ने बना दिए शानदार रिकॉर्ड, अब तक किसी नेता ने नहीं किया ये कमाल

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 10:04 PM (IST)

    देवेंद्र फडणवीस ने आज महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ली। उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार ने आज छठवीं बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपने ही रिकार्ड को और मजबूत किया। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बार वही डिप्टी सीएम बने हैं।

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    छठी बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने अजित पवार (फोटो- पीटीआई)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार ने आज छठवीं बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपने ही रिकार्ड को और मजबूत किया। उनसे अधिक बार देश के किसी नेता ने उपमुख्यमंत्री का दायित्व नहीं निभाया है। वह राज्य के आठवें उपमुख्यमंत्री हैं।

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    सातवीं बार पुणे जिले के बारामती विधानसभा क्षेत्र से अपने ही भतीजे युगेंद्र पवार को हराकर विधायक बने अजीत पवार कांग्रेसनीत सरकार के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के अधीन दो पार, उद्धव ठाकरे के साथ एक बार, एकनाथ शिंदे के साथ एक बार एवं देवेंद्र फडणवीस के साथ एक बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस बार उन्होंने छठवीं बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।

    उपमुख्यमंत्री की पुरानी परंपरा

    महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री की पुरानी परंपरा रही है। यहां पहली बार नासिकराव तिरपुड़े 1978 में उपमुख्यमंत्री बने थे। उनके बाद यह पद सुंदरराव सोलंके के प्राप्त हुआ। फिर रामराव आदिक उपमुख्यमंत्री बने। लेकिन एक ही कार्यकाल में लंबे समय तक उपमुख्यमंत्री रहनेवाले नेता भाजपा के गोपीनाथ मुंडे रहे। फिर 1999 से 2014 तक लगातार शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का ही उपमुख्यमंत्री बनता रहा।

    इनमें सबसे पहले छगन भुजबल दो बार उपमुख्यमंत्री रहे। फिर विजयसिंह मोहिते पाटिल एवं आर.आर.पाटिल एक-एक बार एवं फिर अजीत पवार दो बार कांग्रेसनीत सरकारों में उपमुख्यमंत्री रहे। फिर 2019 में वह उद्धव ठाकरे की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने से पहले 23 जून, 2019 को उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

    लेकिन वह सरकार सिर्फ 80 घंटे ही टिक सकी थी। उसके बाद जुलाई 2023 में जब वह शिंदे-फडणवीस की सरकार में शामिल हुए तो उन्हें पांचवीं बार उपमुख्यमंत्री बनने का मौका मिला, और आज छठवीं बार वह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।