Local Bodies Election: क्या है बांठिया आयोग, जिसकी सिफारिशों के आधार पर ओबीसी आरक्षण को मंजूरी, किन्हें नहीं मिलेगा लाभ
know about Banthia Commission पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों में यह आरक्षण दिलवाने के लिए ही पूर्व मुख्य सचिव जयंत कुमार बांठिया की अध्यक्षता में 11 मार्च 2022 को बांठिया आयोग का गठन किया था।

मुंबई, आनलाइन डेस्क। know about Banthia Commission महाराष्ट्र में ओबीसी की संख्या 38 फीसद है। इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए ही महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दल स्थानीय निकाय चुनाव में इस आरक्षण का श्रेय लेना चाह रहे हैं। पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों में यह आरक्षण दिलवाने के लिए ही पूर्व मुख्य सचिव जयंत कुमार बांठिया की अध्यक्षता में 11 मार्च, 2022 को बांठिया आयोग का गठन किया था। यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि राज्य में शिंदे सरकार बनने के बाद 12 जुलाई को ही बांठिया आयोग ने अपनी सिफारिशें सर्वोच्च न्यायालय के सामने पेश की थीं।
आयोग ने अपनी सिफारिशें अनुभवजन्य (इंपीरिकल) डाटा के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण देने की सिफारिश की थीं। जिसके आधार पर सर्वोच्च न्यायालय का आज का फैसला आया है। न्यायालय ने बांठिया आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही स्थानीय निकायों में ओबीसी को आरक्षण देने का आदेश दिया है।
पहले घोषित हो चुके चुनावों में प्रत्याशियों को इस निर्णय का लाभ नहीं
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि पहले घोषित हो चुके चुनावों में प्रत्याशियों को इस निर्णय का लाभ नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि राज्य चुनाव आयोग ने 92 नगर परिषदों एवं चार नगर पंचायतों के चुनाव घोषित करने के बाद उन पर रोक लगा दी थी, क्योंकि सत्ता पक्ष एवं विपक्ष, दोनों ही ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराए जाने का विरोध कर रहे थे।
यह फैसला आने के बाद अगले कुछ महीनों में राज्य में कई बड़ी महानगरपालिकाओं के चुनाव भी घोषित हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। इनमें मुंबई और ठाणे जैसी बड़ी महानगरपालिकाएं भी शामिल हैं। जिनके परिणाम राज्य की राजनीति को भी प्रभावित करेंगे। ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण की मंजूरी मिल जाने के बाद अब इसे दिलवाने के लिए सत्ता पक्ष एवं विपक्ष में श्रेय की जंग भी शुरू हो गई है।
एक दिन पहले ही राज्य के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार की ओर से वकीलों एवं विधि विशेषज्ञों से मिलने आए थे। आज यह फैसला आने के बाद शिंदे ने इस पर खुशी जताते हुए कहा कि हम वंदनीय हिंदूहृदय सम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहब ठाकरे के सच्चे शिवसैनिक हैं। एक बार जो वचन दे देते हैं, उसका पालन करते हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण दिलवाकर हमारी गठबंधन सरकार ने अपने वचनों का पालन किया है। विपक्षी दलों में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विशेष तौर पर इस निर्णय का श्रेय लेना चाह रही है।
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