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Lifeline Express: देश की पहली अस्पताल ट्रेन पहुंची मुंबई, अब तक लाखों लोगों की बन चुकी है लाइफलाइन

लाइफलाइन एक्सप्रेस देश की पहली अस्‍पताल ट्रेन गुरुवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पहुंची। ये ट्रेन अब तक 12 लाख मरीजों का इलाज कर चुकी है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 08:17 AM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 11:02 AM (IST)
Lifeline Express: देश की पहली अस्पताल ट्रेन पहुंची मुंबई, अब तक लाखों लोगों की बन चुकी है लाइफलाइन

मुंबई, एएनआइ। देश की पहली अस्पताल ट्रेन 'लाइफलाइन एक्सप्रेस' गुरुवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पहुंची। लाइफलाइन एक्सप्रेस अब तक देश के दूरदराज के स्थानों पर लगभग 12 लाख रोगियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान कर चुकी है। गौरतलब है कि लाइफलाइन एक्सप्रेस ने अब तक भारत के 19 राज्यों की यात्रा की है और 138 जिलों में 201 ग्रामीण स्थानों का दौरा किया है, जिससे 12.32 लाख रोगियों को चिकित्सा सुविधा मिली है, जिनमें सर्जरी के 1.46 लाख मामले शामिल हैं।

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कैसे कार्य करती है लाइफलाइन एक्सप्रेस
देश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में मरीजों का एक खाका बनाया जाता है और फिर उसके हिसाब से इलाज किया जाता है। उसके बाद लाइफलाइन एक्सप्रेस को कैंप वाले इलाके में पहुंचाया जाता है। दी हुई तारीख के अनुसार फिर मरीजो का चेकअप और सर्जरी की जाती है। इस कार्य में बड़ी-बड़ी कंपनियां सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिब्लिटी) के तहत अपना योगदान देती हैं, इसके लिए मरीजों से कोई शुल्क नहीं वसूला जाता। 

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लाइफलाइन एक्सप्रेस इन बीमारियों का करती है इलाज
लाइफलाइन एक्सप्रेस के लिए पहले भारतीय रेलवे के बेकार पड़े डिब्बों को ठीक-ठाक करके अस्पताल में बदला गया था। मिली जानकारी के अनुसार पिछले 28 वर्षों में केवल एक ट्रेन ही तैयार की गई है, जबकि वक्त के हिसाब से हर एक जोन में ऐसी एक ट्रेन होनी चाहिए थी।

ट्रेन को किसी एक प्रोजेक्ट पर ले जाने के लिए 1 से 1.5 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं, इसमें भी सरकार चाहे, तो मदद कर सकती है। पहले इस ट्रेन में आदिवासी इलाकों में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाता था। लेकिन, अब प्लास्टिक सर्जर, ईएनटी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी यहां होने लगा है। 

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