King Charles III Coronation: मुंबई के डब्बावालों ने किंग चार्ल्स III को भेजा ये स्पेशल गिफ्ट
मुंबई डब्बावाला संगठन के अध्यक्ष रामदास करवंदे ने बताया कि इसी सप्ताह उनके कुछ पदाधिकारियों को यहां ब्रिटिश उच्चायोग ने ताज होटल में एक समारोह में आमंत्रित किया था जहां उन्होंने अधिकारियों को पुनेरी पगड़ी और उपरने सौंपे। ये अधिकारी इन उपहारों को महाराजा चार्ल्स तृतीय तक पहुंचाएंगे।
मुंबई, पीटीआई। ब्रिटेन के किंग चार्ल्स थर्ड का 6 मई को लंदन में राज्याभिषेक होने जा रहा है। मुंबई के मशहूर डब्बावालों ने किंग चार्ल्स III के राज्याभिषेक से पहले उनको परंपरागत 'पुनेरी पगड़ी' और 'उपरणे' उपहार स्वरूप भेजी हैं। 'पुनेरी पगड़ी' 19वीं सदी से प्रचलित परंपरागत पगड़ी है, जिसे महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में गौरव और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। वहीं, 'उपरणे' पुरुषों द्वारा परंपरागत समारोहों में कंधे पर डाला जाने वाला दुपट्टा है।
मुंबई में ब्रिटिश उच्चायोग के अधिकारियों को सौंपा था स्पेशल गिफ्ट
मुंबई डब्बावाला संगठन के अध्यक्ष रामदास करवंदे ने बताया कि इस बार वे राज्याभिषेक के लिए आमंत्रित नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इसी सप्ताह उनके कुछ पदाधिकारियों को यहां ब्रिटिश उच्चायोग ने ताज होटल में एक समारोह में आमंत्रित किया था, जहां उन्होंने अधिकारियों को पुनेरी पगड़ी और उपरने सौंपे। ये अधिकारी इन उपहारों को महाराजा चार्ल्स तृतीय तक पहुंचाएंगे।
2005 में लंदन में शाही शादी में किया गया था आमंत्रित
उन्होंने बताया कि डब्बावाला एसोसिएशन के दो सदस्यों को अप्रैल 2005 में लंदन में तत्कालीन प्रिंस चार्ल्स और कैमिला पार्कर बाउल्स की शाही शादी में आमंत्रित किया गया था। तब डब्बावालों ने उनके लिए एक महाराष्ट्रीयन पगड़ी और नौ गज की साड़ी भेजी थी। करवंडे ने कहा कि इस बार, उन्हें मुंबई के ताज होटल में समारोह के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था, जहां उन्हें सम्मानित किया गया।
मुंबई के डब्बावालों का ब्रिटेन के शाही परिवार से पुराना नाता है
करवंदे ने किंग चार्ल्स को उनके राज्याभिषेक की शुभकामनाएं देते हुए कहा, "गरीब डब्बावालों को किसी ने इतना महत्व नहीं दिया, लेकिन उन्होंने हमें आमंत्रित किया और सम्मानित किया। हमारे सदस्य इस भाव से प्रसन्न और अभिभूत थे।" मुंबई के डब्बावालों का ब्रिटेन के शाही परिवार से पुराना नाता है। 2003 में भारत की यात्रा के दौरान प्रिंस चार्ल्स ने डब्बावालों से मुलाकात की थी और उनके वर्क कल्चर से प्रभावित होने के बाद उनके कार्य कौशल, सटीकता और समयबद्धता की जमकर तारीफ की थी।
फोर्ब्स ने दी थी 'सिक्स सिग्मा' रेटिंग
साल 1998 में फोर्ब्स मैगजीन ने एक एनालिसिस किया और डब्बावालों के 100 साल पुराने बिजनेस को दक्षता की अपनी 'सिक्स सिग्मा' रेटिंग दी। वर्तमान में महानगर में 1,500 से अधिक डब्बावाले टिफिन डिलीवरी बिजनेस चलाते हैं। वे कामकाजी दिनों में ऑफिस जाने वालों को करीब दो लाख टिफिन डिलीवर करते हैं। डब्बावाले लंच बॉक्स को समय पर अपने पहुंचाने के लिए ट्रेनों का उपयोग करते हैं। ज्यादातर डब्बावाले पश्चिमी महाराष्ट्र के मावल इलाके से हैं। कोविड-19 लॉकडाउन के बाद इनमें से कई पुणे जिले में अपने मूल स्थानों पर चले गए।
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