Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Karnataka-Maharashtra Border Dispute: महाराष्ट्र के मंत्रियों का दौरा टलने के बावजूद बेलगावी में तनाव

    कर्नाटक स्थित बेलगावी में मंगलवार को पूर्व निर्धारित दौरा करने वाले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों का दौरा स्थगित होने के बावजूद कर्नाटक के सीमावर्ती जिले बेलगावी (पूर्व में बेलगाम) में कन्नड़ लोगों के बीच तनाव जारी है।

    By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 07 Dec 2022 05:36 AM (IST)
    Hero Image
    कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद का मामला बढ़ता जा रहा है।(फोटो सोर्स: एएनआइ)

    बेंगलुरु, जेएनएन। बेलगावी को लेकर कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। कर्नाटक स्थित बेलगावी में मंगलवार को पूर्व निर्धारित दौरा करने वाले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों का दौरा स्थगित होने के बावजूद कर्नाटक के सीमावर्ती जिले बेलगावी (पूर्व में बेलगाम) में कन्नड़ लोगों के बीच तनाव जारी है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार राज्य की सीमाओं और कन्नड़ भाषी लोगों के हितों को सुरक्षित रखेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालांकि महाराष्ट्र में राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने इस मुद्दे को भड़काना जारी रखा है। सुप्रीम कोर्ट में लंबित इस सीमा विवाद के संबंध में महाराष्ट्र सरकार के दो मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई एक संसद सदस्य के साथ मंगलवार को ही महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के कार्यकर्ताओं से मिलने आने वाले थे। लेकिन कर्नाटक के सीएम बोम्मई की चेतावनी के बाद यह कार्यक्रम स्थगित हो गया।

    चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई को कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा मुद्दे के लिए समन्वयक मंत्री नियुक्त किया गया है। वहीं, एमईएस एक संगठन है जो बेलगावी और आसपास के कुछ अन्य गांवों को महाराष्ट्र में मिलाने को लेकर संघर्ष कर रहा है। दरअसल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई के एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ ¨शदे से कानून-व्यवस्था बनाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के दो सदस्यों को छह दिसंबर की यात्रा को रोकने की अपील की थी। बेलगावी में इस मुद्दे पर जारी तनाव को देखते हुए पहले ही धारा 144 लगा दी गई है। इधर, चंद्रकांत पाटिल के नजदीकी से संपर्क करने पर बताया गया कि चंद्रकांत पाटिल सोमवार को सारा दिन पुणे में बैठकें करते रहे और मंगलवार को मुंबई में भी उनकी कई बैठकें हैं।

    कानूनी लड़ाई हम ही जीतेंगे :बोम्मई

    बोम्मई ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और हमारा पक्ष संवैधानिक और कानूनी तरीके से एकदम मजबूत है। हमें पूरा विश्वास है कि कानूनी लड़ाई हम ही जीतेंगे। इसलिए चुनाव के चलते विवाद को तूल देने का आरोप अतार्किक है। उन्होंने कहा कि वह राज्य की सीमाओं की रक्षा और कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और केरल में रह रहे कन्नड़ लोगों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कर्नाटक सरकार ने अपनी बसों को महाराष्ट्र की सीमा पार करने से फिलहाल रोक दिया है।

    कर्नाटक में भी महाराष्ट्र की बसों पर पत्थरबाजी होने के बाद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से इस संबंध में बातचीत की है। साथ ही कहा कि वह इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे। उल्लेखनीय है कि दोनों राज्यों के बीच विवाद 1957 में शुरू हुआ था जब क्षेत्रीय भाषाओं के आधार पर सीमा का विभाजन किया गया और राज्यों के पुनर्गठन के दौरान बेलगावी जिले (तब के बेलगाम) को दस तालुकों के साथ बांबे प्रेसिडेंसी से मैसुरु स्टेट में शामिल किया गया। उसके बाद 1973 में इसे कर्नाटक राज्य बना दिया गया था। बेलगामी में मराठी भाषियों की अधिकाधिक संख्या होने के साथ महाराष्ट्र अब भी इस पर अपना दावा करता है। वह बेलगाम के साथ मराठी भाषी कर्नाटक के 814 गांव भी मांग रहा है।

    राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने चेताया

    महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर कुछ हिंसक घटनाएं होने के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई के बयानों से सीमावर्ती गांवों में भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को जल्द ही इसका कोई हल निकालना होगा। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में महाराष्ट्र की ओर आ रहे वाहनों पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। अगर 48 घंटे में स्थिति नहीं सुधरी तो वह प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जाएंगे। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के लोगों और राज ठाकरे की एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक की कई बसों पर पेंट से 'जय महाराष्ट्र' लिख दिया और जगह-जगह प्रदर्शन और नारेबाजी की। उन्होंने कर्नाटक की कई बसों में तोड़फोड़ भी की।