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    Mumbai News: एक दशक में सिर्फ 8 फीसदी झुग्गीवासियों का पुनर्वास, कैसे पूरा होगा अपना घर होने का सपना?

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sun, 12 Mar 2023 08:55 PM (IST)

    झुग्गीमुक्त मुंबई का सपना फिलहाल पूरा होता नहीं दिख रहा है। झुग्गी पुनर्विकास योजना की शुरुआत झुग्गी में रहने वाले लोगों के लाभ के लिए की गई थी लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं मिल रहा है। इसका असली फायदा बिल्डर्स उठा रहे हैं।

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    झुग्गीमुक्त मुंबई एक दूर का सपना नजर आ रहा है

    मुंबई, समीर सुर्वे। ऐसा लगता है कि झुग्गी मुक्त मुंबई एक दूर का सपना है। पिछले 10 वर्षों में केवल 8 प्रतिशत स्लम परिवारों का पुनर्वास हुआ है। स्लम पुनर्विकास योजना के तहत 2012-13 से 2022-23 तक दस वर्षों के दौरान केवल 91,660 घरों का निर्माण किया गया था। 2011 में झुग्गियों में 11,35,514 घर थे।

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    दो लाख से अधिक घरों का हुआ निर्माण

    महाराष्ट्र आर्थिक सर्वेक्षण, 2022-23 के अनुसार, जिसे हाल ही में राज्य विधानसभा में पेश किया गया था, झुग्गी पुनर्वास योजना के तहत 1995 से अब तक 2,45,295 घरों का निर्माण किया गया था। स्लम पुनर्वास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2012-13 तक 1,53,635 घरों का निर्माण किया जा चुका है। 2011 की जनगणना के अनुसार, मलिन बस्तियों में 11,35,514 परिवार हैं।

    सिविल एक्टिविस्ट अनिल गलगली ने कहा कि झुग्गी पुनर्विकास योजना निवासियों की तुलना में डेवलपर्स के लिए अधिक फायदेमंद है। कई परियोजनाएं वर्षों से रुकी हुई हैं। इसलिए, आवास पुनर्विकास के लिए तैयार नहीं हैं। साथ ही स्लम पुनर्विकास में बनी बिल्डिंग वर्टिकल स्लम की तरह है, जिसमें उचित वेंटिलेशन नहीं है। रहने के लिए कोई उचित जगह नहीं है।

    बिल्डर्स को मिल रहा फायदा

    एक्टिविस्ट संतोष मिश्रा ने कहा कि छोटी प्लेटों पर स्लम का पुनर्विकास नहीं किया जाता, क्योंकि विकासकर्ताओं के लिए कोई वित्तीय लाभ नहीं है। वे केवल उन मलिन बस्तियों के पुनर्विकास में रुचि रखते हैं जो एक बड़े भूखंड और प्रमुख स्थानों पर स्थित हैं। यह योजना झुग्गी निवासियों के लाभ के लिए शुरू की गई है, लेकिन प्रोजेक्ट का फायदा बिल्डर्स को मिल रहा है। यहां तक कि निर्माण की गुणवत्ता भी अच्छी है। हमने बहुत सारी परियोजनाओं को अटका हुआ देखा, क्योंकि कुछ समय बाद बिल्डरों ने पाया कि परियोजना वित्तीय रूप से व्यवहार्य नहीं है।

    एक अन्य एक्टिविस्ट संजय गुरव का भी दावा है कि स्लम पुनर्वास योजना स्लम निवासियों से अधिक विकासकर्ताओं के पक्ष में है। राज्य सरकार ने घर का आकार 225 वर्ग फुट से बढ़ाकर 269 वर्ग फुट कर दिया है। लेकिन वास्तव में, सरकार को इमारत की गुणवत्ता और डिजाइन का सर्वेक्षण करने की जरूरत है।

    पिछले 5 साल में बने मकान

    वर्ष निर्मित मकान
    2022-23 21,824
    2021-22 7,455
    2020-21 10,124
    2019-20 8,155
    2018-19 11,438