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    Maharashtra: एलगार परिषद मामले में आरोपित वरवर राव को अंतरिम जमानत

    Maharashtra जस्टिस एसएस शिंदे और मनीष पिटाले की खंडपीठ ने वरवर राव की उम्र के साथ ही उनके स्वास्थ्य की स्थिति और उन्हें दी जा रही चिकित्सा सुविधा का संज्ञान लेते हुए कहा कि यह मामला राहत दिए जाने के लिए उपयुक्त है।

    By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Mon, 22 Feb 2021 05:26 PM (IST)
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    एलगार परिषद मामले में आरोपित वरवर राव को अंतरिम जमानत। फाइल फोटो

    मुंबई, प्रेट्र। Maharashtra: बांबे हाई कोर्ट ने एलगार परिषद मामले में आरोपित माओवादी कार्यकर्ता और कवि वरवर राव को छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे राव को यह जमानत चिकित्सा आधार पर मिली है। जस्टिस एसएस शिंदे और मनीष पिटाले की खंडपीठ ने राव की उम्र (82) के साथ ही उनके स्वास्थ्य की स्थिति और उन्हें दी जा रही चिकित्सा सुविधा का संज्ञान लेते हुए कहा कि यह मामला राहत दिए जाने के लिए उपयुक्त है। अदालत ने कहा कि वह महज मूकदर्शक नहीं बना रह सकता और उसने राव को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दे दी। खंडपीठ का कहना था कि यदि राव हिरासत में बने रहते हैं तो उनकी बीमारी और बढ़ सकती है। अदालत ने इस बात का भी जिक्र किया कि तलोजा जेल के अस्पताल में चिकित्सा सुविधाएं अपर्याप्त हैं। राव इस समय मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती हैं।

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    गौरतलब है कि वरवर राव तेलुगु वामपंथी कवि और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। साल 1986 के रामनगर साजिश कांड सहित कई अलग-अलग मामलों में साल 1975 और 1986 के बीच उन्हें कई बार गिरफ्तार और फिर रिहा किया गया। साल 2005 में फिर जेल भेज दिया गया। उनके ऊपर माओवादियों से कथित तौर पर संबंध होने के भी आरोप लगते रहे हैं। 2018 में भीमा कोरेगांव दंगे में गिरफ्तार किया गया।