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    Republic Day Parade 2022: महिला सशक्तीकरण की झांकी प्रस्तुत करेगा भारतीय डाक विभाग

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Fri, 21 Jan 2022 06:41 PM (IST)

    Republic Day Parade 2022 भारतीय डाक विभाग इस बार गणतंत्र दिवस पर महिला सशक्तीकरण की झांकी प्रस्तुत करने जा रहा है। 26 जनवरी को राजपथ पर निकलने वाली डाक विभाग की झांकी में एक युवा महिला पोस्टमैन हाथ में डिजिटल डिवाइस लिए हुए खड़ी दिखाई देगी।

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    महिला सशक्तीकरण की झांकी प्रस्तुत करेगा भारतीय डाक विभाग। फोटो जागरण

    मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। आजादी के पहले से गांव-गांव तक अपनी सेवाएं देता आ रहा भारतीय डाक विभाग इस बार गणतंत्र दिवस पर महिला सशक्तीकरण की झांकी प्रस्तुत करने जा रहा है। 26 जनवरी को राजपथ पर निकलने वाली डाक विभाग की झांकी में एक युवा महिला पोस्टमैन हाथ में डिजिटल डिवाइस लिए हुए खड़ी दिखाई देगी। भारतीय डाक विभाग की ओर से इस झांकी के प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी निभा रहीं मुंबई क्षेत्र की पोस्टमास्टर जनरल (पीएमजी) स्वाती पांडे बताती हैं कि डाक विभाग को गणतंत्र दिवस परेड में अपनी झांकी निकालने का अवसर 17 साल बाद प्राप्त हुआ है। इससे पहले डाक विभाग के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 2005 में डाक विभाग ने अपनी झांकी निकाली थी। तब से अब तक डाक विभाग का चेहरा-मोहरा काफी बदल चुका है। न सिर्फ डाक विभाग ने अपनी सेवाओं में काफी विस्तार किया है, बल्कि कोरोना काल में तो ग्रामीण डाक सेवकों के जरिए ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ योजनाओं के पैसे ग्रामीणों तक पहुंचाकर संकटकाल में उनका सबसे अच्छा साथी भी सिद्ध हुआ है।

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    ये है झांकी का विषय

    स्वाती पांडे बताती हैं कि आज जब देश अपनी स्वतंत्तार की पचहत्तरवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो इस कड़ी में भारतीय डाक गणतंत्र दिवस की अपनी झांकी के माध्यम से महिला सशक्‍तीकरण व तकनीक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने जा रहा है। इस झांकी के जरिए केवल महिला कार्मिकों द्वारा कंप्यूटर व डिजिटल सुविधाओं से संचालित डाकघरों के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की गई है कि विभाग किस प्रकार महिला सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस झांकी का विषय भी “भारतीय डाक : संकल्‍प@75 - महिला सशक्‍तीकरण” रखा गया है। इसी के प्रतीक स्वरूप झांकी के अग्रभाग में एक महिला पोस्टमैन की प्रतिमा होगी, जिसके एक हाथ में डिजिटल डिवाइस तो दूसरे हाथ में पोस्टमैन की पहचान उसका थैला होगा। यह प्रौद्योगिकी के साथ परंपरा के मेल को दर्शाएगा। साथ ही, रैंप के माध्‍यम से दर्शाए गए ‘दिव्‍यांगजनों के लिए अनुकूल डाकघर’ भी विभाग की सामाजिक प्रतिबद्धता को दोहराते दिखाई देंगे।

    झांकी में दिखेगा यहां का डाकघर

    महिला पोस्टमैन के साथ ही हरकारे की उभरी हुई आकृति दर्शाई गई है, जो पिछले कई दशकों के दौरान भारतीय डाक में हुए कायाकल्‍प का प्रतीक है। इन दोनों चित्रों को सबके जाने-पहचाने लेटरबाक्‍स के आगे दर्शाया गया है। झांकी के ट्रेलर भाग में श्रीनगर का तैरता (फ्लोटिंग) डाकघर दिखाया गया है। इसके माध्‍यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्‍वाकांक्षी कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत शुरू की गई ‘सुकन्‍या समृद्धि योजना’ पर बल दिया गया है। इंडिया पोस्‍ट पेमेंट्स बैंक के मामले में लगभग 50 प्रतिशत खाताधारक (2.24 करोड़) महिलाएं हैं, और ऐसे 98 प्रतिशत खाते उनके द्वार पर जाकर ही खोले गए हैं। झांकी के पिछले भाग में देश के सबसे पुराने जीपीओ, कोलकाता जीपीओ को दर्शाया गया है, जोकि भारतीय डाक के गौरवशाली सफर का गवाह है, साथ ही देश की एक सुप्रसिद्ध इमारत भी है।