Jalgaon Train Accident: कैसे हुआ जलगांव में रेल हादसा? घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बताई सच्चाई, उठ रहे कई सवाल
महाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार शाम को 12 यात्रियों की मौत हो गई जब वे झूठे फायर अलार्म के कारण घबराकर मुंबई जाने वाली ट्रेन से कूद गए और बगल की पटरी पर दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। वहीं चश्मदीदों का कहना है कि ट्रेन कुछ देर फॉल्ट पर रुकी थी तभी आग लगने की अफवाह उड़ी और दूसरी तरफ आ रही ट्रेन की चपेट में आ गए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम को 12 यात्रियों की मौत हो गई जब वे झूठे फायर अलार्म के कारण घबराकर मुंबई जाने वाली ट्रेन से कूद गए और बगल की पटरी पर दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री, ट्रेन के पहियों से चिंगारी उड़ने पर आग लगने के डर से, जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूद गए और बेंगलुरु से दिल्ली की ओर जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
इस वजह से हुआ होगा हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चेन खींचे जाने के बाद पुष्पक एक्सप्रेस जिस स्थान पर रुकी, वह रेलवे की भाषा में सी-जोन अर्थात अंधा मोड़ माना जाता है। जहां यदि एक ट्रेन पहले से खड़ी हो, तो सामने से आ रही दूसरे ट्रेन के ड्राइवर को सामने कुछ भी दिखाई नहीं देता। तभी ट्रेन में आग लगने की अफवाह उड़ गई और लोग ट्रेन से उतरने लगे।
यही कारण रहा कि पुष्पक एक्सप्रेस की सामान्य बोगी से नीचे उतर कर खड़े हुए यात्रियों की ओर तेज गति से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन की गति धीमी नहीं की जा सकी। दूसरी ओर उसी ट्रैक पर खड़े पुष्पक एक्सप्रेस के यात्री एक तरफ खड़ी अपनी ट्रेन एवं दूसरी ओर खाईं होने के कारण हड़बड़ी में कर्नाटक एक्सप्रेस के नीचे आ गए।
घायलों को मोटर साइकिलों पर अस्पताल ले गए लोग
चूंकि यह हादसा एक छोटे से गांव के पास हुआ था, वहां तक पहुंचना भी मुश्किल था। दुर्घटनास्थल तक पहुंचने का रास्ता बहुत संकरा है। वहां एंबुलेंस पहुंचना भी मुश्किल था। कई घायलों को स्थानीय ग्रामीण अपनी मोटर साइकिलों पर अस्पताल ले जाते देखे गए। घटना शाम करीब पौन पांच बचे की है। लेकिन दुर्घटनास्थल पर रोशनी के लिए जनरेटर का इंतजाम होने में भी लगभग चार घंटे लग गए।
जलगांव के प्रभारी मंत्री गुलाबराव पाटिल ने कही ये बात
जलगांव के प्रभारी मंत्री गुलाबराव पाटिल के अनुसार अभी तक मृतकों की संख्या 11 है। 11 घायलों को निकट के अस्पतालों में भर्ती किया गया है। जिनमें से चार की हालत गंभीर है। बाकी करीब 20 लोगों को कम चोटें आई थीं। उन्हें प्राथमिक इलाज के बाद छोड़ दिया गया है।
जलगांव के पुलिस अधीक्षक के अनुसार, इस दुर्घटना में अब तक 12 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है एवं 40 लोग घायल हुए हैं। घायलों को स्थानीय प्रशासन की मदद से निकट के ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया है। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल निला के अनुसार, भुसावल से मेडिकल रिलीफ ट्रेन भी दुर्घटनास्थल पर भेजी गई है। बता दें कि दुर्घटनास्थल मुंबई से करीब 400 किमी. दूर है।
पुष्पक एक्सप्रेस दुर्घटना के लिए हेल्पलाइन जारी
घटना से प्रभावित परिवारों और यात्रियों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) ने घटना से प्रभावित लोगों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए संपर्क नंबर 8957409292 के साथ लखनऊ जंक्शन स्टेशन पर हेल्पलाइन स्थापित की है।
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